सीहोर जिले की इन पंचायतों की हो रही है इसलिए चर्चा
सीहोर। सीहोर जिले की पंचायतें यूं तो अपनी कार्यप्रणाली एवं कारनामों को लेकर हमेशा चर्चाओं में रहती है, लेकिन इस बार जिले की ये दो पंचायतें इसलिए चर्चाओं में आई है, क्योंकि एक पंचायत में सरपंच की गड़बड़ियों की शिकायतें हुर्इं हैं तो वहीं दूसरी पंचायत के सरपंच के जेल में होने के कारण पंचायतों ने सर्वसम्मति से दूसरा सरपंच चुना है। सरपंच ने बहुमत भी सिद्ध कर दिया है।
दरअसल सीहोर जिले के ग्राम पंचायत लाउखेड़ी तहसील इछावर के लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एक शिकायती आवेदन दिया है। इसमें कहा गया कि 1 जुलाई 2022 को एक महिला सरपंच के रूप में माया पंचलानीया निर्वाचित हुई थी। प्रशासन के आदेशानुसार उन्हें अपने कर्तव्यों का निर्वाहन स्वयं करना था, परंतु सरपंच की जगह पर ग्राम पंचायत के सभी कार्य सरपंच पति के द्वारा किए जा रहे हैं तथा सरपंच पति सरपंच के जाली हस्ताक्षर एवं सील लगाकर गड़बड़ियां भी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि ग्राम पंचायत लाउखेड़ी में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, मनरेगा योजना, कुप निर्माण योजना एवं स्वच्छ भारत योजनाओं में भी धांधली करते हुए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कई अपात्र हितग्राहियों को इस योजना का लाभ दिया गया है। ग्रामीणों ने आवेदन में कहा है कि सरपंच पति पर कार्रवाई की जाए एवं उनकी गड़बड़ियों को उजागर किया जाए।
जब सरपंच ने सिद्ध किया बहुमत-
इधर जिले की सीलखेड़ा ग्राम पंचायत के पंचों द्वारा चुने गए सरपंच ने कलेक्टर से प्रमाण पत्र मांगा है। ग्रामीणों के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचकर सरपंच ने एक बार फिर बहुमत सिद्ध किया है। ग्राम पंचायत सीलखेड़ा के निर्वाचित सरपंच जेल में बंद हैं। पंचों ने शासन के द्वारा अधिकृत अधिकारियों के समक्ष नए सरपंच को चुना है। दरअसल ग्राम पंचायत सीलखेड़Þा पंचायत चुनावों से ही सुर्खियों में बनी हुई है। चुनाव के समय भी यहां अतिरिक्त पुलिस बल लगाया था। शासन द्वारा नई व्यवस्था बनाने अधिसूचना जारी गई थी। इसके बाद उपचुनाव कराए जाने थे, लेकिन निर्धारित मुख्य चुनाव अधिकारी ही गांव नहीं पहुंचे थे। सचिव के समक्ष पंचों ने सहमति बनाकर अपना नया सरपंच दिवान सिंह मीणा आत्मज श्यामलाल मीणा को चुन लिया था। पंचों और सचिव के हस्ताक्षर होने बावजूद चुने गए सरपंच को सरपंच होने का प्रमाण-पत्र नहीं दिया गया और अधिकार भी नहीं दिए गए। अधिकार विहीन सरपंच होने से ग्राम पंचायत में निमार्णाधीन सरकारी कार्य अवरुद्ध हो गए । ग्राम पंचायत विकास कार्यों की नई योजना भी नहीं बना पा रही है। इधर चुनावों में निर्वाचित सरपंच हेमराज मीणा आत्मज हरीसिंह मीणा सीहोर जेल में विचाराधीन कैदी के रूप में बंद है।