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अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल से पवित्र शिलाएं सौंपी गईं

काठमांडू/अयोध्या| अयोध्या में भगवान राम की मूर्ति बनाने के लिए नेपाल की काली गण्डकी नदी से निकाली गई दो 'पवित्र शिलाएं' गुरुवार को राम मंदिर ट्रस्ट को सौंप दी गईं हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अयोध्या में पहले दिन के एक समारोह में जानकी मंदिर महंत राम तपेश्वर दास ने तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत रॉय को शिलाएं या शालिग्राम सौंपी हैं।

नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री बिमलेंद्र निधि ने दो शिलाओं की खुदाई का बीड़ा उठाया था। समारोह में उन्होंने कहा, हमें नेपाल से अयोध्या पहुंचने में आठ दिन लगे।

65 मिलियन वर्ष पहले हिमालय के निर्माण के बाद दक्षिण की ओर बहने वाली नदी की शिलाओं को हिंदू बहुत पवित्र मानते हैं। शिलाओं का उपयोग राम लला या भगवान राम की एक बच्चे के रूप में आदमकद प्रतिमा बनाने के लिए किया जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राम मंदिर के निर्माण का निर्णय लेने के बाद इसकी निर्माण आयोजन समिति नेपाल से पवित्र शिलाओं की तलाश कर रही थी। मंत्री बिमलेंद्र निधि से संपर्क करने के बाद उन्हें पवित्र शिलाएं मिलीं।

जब इन शिलाओं को नेपाल से अयोध्या ले जाया जा रहा था, तब हजारों लोगों ने उनका का स्वागत किया और पूजा की। आयोजन समिति के अनुसार दोनों शिलाएं सात फुट लंबी, पांच फुट चौड़ी और साढ़े तीन फुट मोटी हैं। इनका वजन 16 से 18 टन के बीच है।

रिपोर्ट के अनुसार, 19 जनवरी को अयोध्या के मंदिर के ट्रस्टियों की एक टीम चट्टानों के परिवहन के क्रम में काठमांडू पहुंची और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से मुलाकात की। इसके बाद इन शिलाओं को अयोध्या लाया गया। आयोजकों के मुताबिक इसी महीने से प्रतिमा बनाने का काम शुरू हो जाएगा।

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