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गेहूं समर्थन मूल्य और फसल नुकसान मुआवजा राशि बढाई जाए : शशांक सक्सेना

सीहोर। जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शशांक सक्सेना किसानों के मुददे मुखर होकर उठाते रहे हैं। बुधवार को बयान जारी कर उन्होंने सरकार से गेहूं समर्थन मूल्य राशि बढाने की मांग की है। श्री सक्सेना ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिहं चौहान खेती को लाभ का धंधा बनाने की बात करते हैं जबकि केन्द्र में बैठे भाजपा के नेता कहते हैं कि हम किसानों की आय दोगुना कर देंगे। लेकिन भाजपा के इन नेताओं को कृषि की कोई समझ ही नहीं है यह किसान का दर्द ही नहीं समझते हैं। बिजली, डीजल, बीज, कीटनाशक, खाद, यूरिया सब मंहगा है। कृषि उत्पादन लागत ज्यादा है और किसानों को फसलों के दाम कम मिलते हैं। किसान अपने खेतों में दिनरात मेहनत कर फसल उगाता है, लेकिन बोवनी से लेकर कटाई और मंडी पहुंचाने तक जो लागत लगाता है उसे मंडियों में और सोसायटियों में अपनी फसलों के उचित दाम नहीं मिल पाते। सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 2125 रुपए तय किया गया है जो बहुत कम है। कहा कि किसान की मेहनत और लागत के हिसाब से यह राशि काफी कम है। कहा कि किसान बडे क्षेत्र में गेहूं फसल उगाते हैं बारिश और आंधी के कारण क्षेत्र में गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने शासन से निष्पक्ष सर्वे कराने की मांग उठाई है। साथ ही कहा कि फसलों के नुकसान की मुआवजा राशि में भी वृद्धि की जानी चाहिए। सरकार मुआवजे का प्रचार तो करती है लेकिन किसानों को फसलों का जितना नुकसान होता है उस हिसाब से उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाता। श्री सक्सेना ने कहा कि भाजपा सरकार की गलत नीतियों के कारण आज किसान कर्ज में डूबा हुआ है। उसे अपनी उपज के उचित दाम नहीं मिलते। किसानों के नाम पर राजनीति तो खूब होती है लेकिन उनकी समस्याओं का निराकरण सरकार नहीं करती है। जिला पंचायत सदस्य और कांग्रेस नेता शशांक सक्सेना ने केन्द्र व राज्य सरकार से गेहूं समर्थन मूल्य और फसल नुकसान पर मिलने वाली मुआवजा राशि बढाए जाने की मांग उठाई है।

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