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सीहोर: सियासत पर भारी अफसरशाही, विधायकों की झलकी पीड़ा

चुनावी साल में विधायकों की चिंता, अफसर सुनते नहीं, जनता मांग रही है जबाव

सीहोर। प्रदेश में इस साल विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं। चुनाव से पहले सीहोेर जिले में सियासत पर अफसरशाही भारी दिखाई दे रही है। यही कारण है कि अधिकारी विधायकोें एवं जनप्रतिनिधियों की बातोें को तवज्जों नहीं दे रहे हैैं, सुन नहीं रहे हैैं। इसकी पीड़ा भी विधायकों की अब झलकने लगी है। विधायक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में लगातार दौरा कर रहे हैं। अब जनता विधायकों से पूछ रही है कि उनके काम कब होेंगे। जब वे इन कार्यों के लिए अधिकारियोें को फोन लगाते हैैं तो अधिकार विधायकों के फोन ही नहीं उठाते। सीहोर, आष्टा सहित इछावर विधायक ने यह पीड़ा प्रभारी मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी के सामनेे भी बयां की। दरअसल प्रभारी मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी गत दिवस सीहोर पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने भाजपा कोर कमेटी की बैठक ली। इसके बाद उन्होंने जिला पंचायत सभाकक्ष में अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों की बैठक लेकर चल रहे कार्योें की समीक्षा की। इस दौरान सीहोर विधायक सुदेेश राय, आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय एवं इछावर विधायक करण सिंह वर्मा नेे अपना दुखड़ा सुनाया। विधायकों का कहना है कि उनके विधानसभा क्षेेत्रों में चल रहे कार्यों की उनकोे ही जानकारी नहीं दी जाती है। अधिकारी प्रस्ताव बनाकर भेज देते हैैं, लेकिन इन प्रस्तावों की विधायकोें को जानकारी ही नहीं होती है। विधायकोें नेे एकसुर में कहा कि अधिकारी सुनतेे ही नहीं है। फोन लगाओ तोे फोन नहीं उठाते। मैसेज का जबाव भी नहीं देतेे।
जनता पूछती है तो क्या बोले-
सीहोर जिले के विधायकोें की पीड़ा यहीं खत्म नहीं हुई। उन्होंने प्रभारी मंत्री के सामनेे यह पीड़ा भी व्यक्त की हैै कि जब वे अपने विधानसभा क्षेेत्रों में जातेे हैैं तोे जनता उनसे कार्योें की मांग करती है। ऐसे में अब जनता केे सामने क्या जबाव देें। अधिकारियों का रवैया अफसरीशाही वाला है। वे विधायकों की ही नहीं सुन रहे हैैं तोे ऐसे में किसकी सुनतेे होेंगे।
ये बोेले विधायक-
बैठक में सीहोर विधायक सुदेश राय ने कहा कि अधिकारियोें को किसी काम के मैसेज भेेजो तोे उनका जबाव ही नहीं मिलता है। पत्र लिखो तो कोेई कार्रवाई ही नहीं होती। इससे अच्छे तोे कलेक्टर हैैं, कम से कम फोन उठाकर बात सुनतेे हैं औैर जबाव दे देते हैं।
इछावर विधायक करण सिंह वर्मा बोेले कि उनके विधानसभा क्षेत्र के प्रस्ताव बनकर चले जाते हैं, लेकिन उनकोे इसकी जानकारी ही नहीं होती हैै। ऐसी ही कुछ पीड़ा आष्टा विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय ने भी व्यक्त की। हालांकि इसको लेकर प्रभारी मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ज्यादा तोे कुछ नहीं बोले पाए, लेकिन उन्होेंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैैं कि वे विधायकों के विधानसभा क्षेत्रोें के बननेे वाले प्रस्तावोें पर उनसेे जरूर चर्चा करेें।

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