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कुबेरेश्वरधाम पर मनाया जाएगा गुरुपूर्णिमा महोत्सव, पंडित प्रदीप मिश्रा ने की ये अपील

- तीन दिन तक भागवत भूषण पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में होगा आयोजन

सीहोर। प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में विठलेश सेवा समिति के तत्वाधान में गुरुपूर्णिमा महोत्सव का आयोजन पंडित प्रदीप मिश्रा के मार्गदर्शन में किया जाएगा। तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन को लेकर समिति की एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया था। इस मौके पर श्री मिश्रा सहित समिति और आस-पास के क्षेत्रवासी शामिल थे। गुरूपूर्णिमा के अवसर पर भारी तादाद में श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावनाओं को लेकर एसडीएम अमन मिश्रा द्वारा भी एक पत्र लिखा गया था, जिसमें उन्होंने समिति से 25 एकड़ में पार्किंग की व्यवस्था करने को कहा था। अब इस मामले में पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा है कि समिति के पास जो पार्किंग व्यवस्था पहले थी वही है। 25 एकड़ जमीन में पार्किंग व्यवस्था कर पाना संभव नहीं होगा। पंडित प्रदीप मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अपील भी की है कि वे अपने घरों पर भी रहकर गुरूपूर्णिमा का महोत्सव मना सकते हैं और अपने जीवन को धन्य मना सकते हैं।
इस संबंध में विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि करीब 40 एकड़ के मंदिर परिसर में दो भव्य पंडाल का निर्माण किया गया है। एक जुलाई से आरंभ होने वाले इस आस्था के महाकुंभ में लाखों की संख्या में श्रद्धालु प्रतिदिन आएंगे और गुरुदीक्षा प्राप्त करेंगे। शनिवार की सुबह नौ बजे से भागवत भूषण पंडित श्री मिश्रा के द्वारा तीन दिवसीय भव्य गुरु पूर्णिमा का गुरु दीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें सुबह नौ बजे से बारह बजे तक आयोजन होगा। उसके उपरांत दूसरे पंडाल में दोपहर एक बजे से प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। पंडित श्री मिश्रा के इस भव्य आयोजन का प्रसारण भी चैनल सहित अन्य सोशल मीडिया के माध्यम से किया जाएगा, जिससे करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं को जीवन में गुरु के महत्व और ईश्वर की आस्था के बारे में जानकारी प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि हर साल गुरु के प्रति अपनी आस्था दिखाने के लिए आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर गुरु पूर्णिमा का त्योहार मनाया जाता है। इस वर्ष गुरु पूर्णिमा का त्योहार सोमवार के दिन मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा का पर्व महर्षि वेदव्यास की जयंती के रूप में मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इसी दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था, इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा या गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है।
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं के लिए की व्यवस्था-
कुबेरेश्वर धाम पर होने वाले तीन दिवसीय भव्य गुरु पूर्णिमा महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन, क्षेत्रवासी, सभी समाजों के अलावा समिति के द्वारा व्यवस्था की जा रही है। यहां पर श्रद्धालुओं के बैठने के लिए अनेक पंडाल के अलावा, उपचार केन्द्र, शौचालय आदि की व्यवस्था की जा रही है।

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