राज्य

प्रचार के साथ तंत्र और ज्योतिष की भी शरण में ‘चुनावी यजमान’, घरों-मंदिरों में चल रहे विजय अनुष्‍ठान

 वाराणसी  

चर्चाओं से दूर लेकिन साधकों और तांत्रिकों के लिए काशी के प्रमुख शक्ति केन्द्रों में शामिल एक देवी मंदिर में नित्य दर्शन-पूजन के लिए आमतौर पर चंद नेमी पहुंचते हैं लेकिन पौष पूर्णिमा (17 जनवरी) को ब्रह्म मुहूर्त में मंत्रों का सस्वर पाठ गूंज रहा था। पता चला कि पश्चिम के एक राजनेता के लिए विजय अनुष्ठान शुरू हुआ है। बताने वाले ने आगे जोड़ा- ‘यह पहला थोड़े ही है, मकर संक्रांति को आधा दर्जन से अधिक नेताओं ने संकल्प कराया था। यहीं नहीं, फलां-फलां मंदिरों में भी इसी तरह के अनुष्ठान चल रहे हैं।’

आधा दर्जन चर्चित ज्योतिषियों का फीडबैक है कि इस समय काशी के विभिन्न स्थानों पर 18 से अधिक अनुष्ठान चल रहे हैं। इन सभी के यजमान प्रमुख दलों के घोषित व संभावित प्रत्याशी हैं। एक प्रसिद्ध ज्योतिषी ने बताया कि माघ की गुप्त नवरात्रि में कई गुना अधिक अनुष्ठान होंगे क्योंकि यह नवरात्रि गोपनीय और कामनापरक पूजा-अनुष्ठान के लिए सर्वानुकूल अवधि मानी जाती है। फिर, माघ नवरात्रि इस बार दो फरवरी से शुरू हो रही है। 10 फरवरी को पूर्णाहुति दी जाएगी। उसी तिथि को पहले चरण का मतदान होना है। इसलिए अनेक नेता माघी नवरात्र को तरजीह दे रहे हैं।

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