Newsआष्टाइछावरजावरनसरुल्लागंजबुदनीमध्य प्रदेशरेहटीसीहोर

किसानों की फजीहत, पहले मूंग तुलाई में हुए परेशान, अब पैसों के लिए लगा रहे चक्कर

एक सप्ताह में आना थी मूंग की राशि, एक माह बाद भी नहीं मिल रही

सीहोर। किसानों को लेकर भले ही सरकार लाख दावे करें, लेकिन सबसे ज्यादा फजीहत किसानों की ही है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि मेहनत से मूंग पैदा करके उसे बेचने तक परेशान होने वाले किसान अब मूंग की राशि के लिए भी बैंकों के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनकी मूंग की फसल की राशि नहीं डाली जा रही है। किसानों ने समर्थन मूल्य 8558 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अपनी मूंग की उपज दी थी और इसका पैसा एक सप्ताह में आना था, लेकिन एक माह बाद भी किसानों को उनकी मूंग की फसल का पैसा नहीं मिल पा रहा है। इसके कारण किसान परेशान हैं।

किसानों पर दोहरी मार-
किसान दोहरी मार से परेशान हैं। एक तरफ इस बार किसानों की गेहूं की फसल बेहद कम हुई तो उन्हें मूंग की उपज से उम्मीद थी। किसानों की मूंग पैदा भी खूब हुई, लेकिन उन्हें अपनी उपज बेचने में भी पसीना बहाना पड़ा तो वहीं अब उनकी उपज का पैसा भी नहीं मिल पा रहा है। मूंग की उपज का पैसा नहीं मिलने के कारण किसानों को कई परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। किसान गेहूं की फसल में अपनी उधारी नहीं चुका पाए थे और उन्होंने मूंग की उपज का वादा किया था, लेकिन अब उन्हें ज्यादा ब्याज भुगतना पड़ रहा है। खाद, बीज, दवाई सहित अन्य खर्चों के पैसे किसानों को देना है, लेकिन उन्हें अब तक राशि नहीं मिली।

सरकारी सिस्टम बना परेशानी का कारण –
मूंग खरीदी में गड़बड़ी एवं भ्रष्टाचार भी जमकर हुआ। खरीदी केंद्रों पर सर्वेयर, समिति, वेयर हाउसिंग कारपोरेशन सहित वेयर हाउस संचालकों ने मनमानी की, लेकिन अब इस मनमानी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। घटिया एवं नान एफएक्यू मूंग पहले ही खरीदकर रख ली और अब समर्थन मूल्य पर उसके बिल बन गए। इधर किसानों की अच्छी उपज लेने में कई कारण गिनाए गए। अब कलेक्टर ने खरीदी केंद्रों को लेकर जांच के निर्देश दिए हैं। स्टैक की गिनती एवं जांच की जा रही है। ऐसे में किसानों के बिलों में भी अड़ंगे आए।

जिला सहकारी बैंक में नहीं आ रही राशि –
किसानों के ज्यादातर खाते जिला सहकारी बैंकों में हैं, लेकिन मूंग बेचने के बाद अब किसानों के जिला सहकारी बैंकों में पैसे नहीं आ रहे हैं। हालांकि किसानों की गेहूं सहित अन्य राशि तो आई, लेकिन मूंग की राशि नहीं आ पा रही है। बताया जा रहा है कि कोई तकनीकी कारण से राशि नहीं जा पा रही है। अब किसान परेशान है।

इनका कहना है-
किसानों की मूंग की राशि खातों में जाने लगी है। कुछ तकनीकी कारणों के चलते देरी हुई है, लेकिन जल्द ही सभी किसानों के खातों में राशि पहुंच जाएगी।
– अनिल जाट, एडीए कृषि, सीहोर
समर्थन मूल्य पर किसानों की मूंग खरीदी का कार्य किया गया है। जिला सहकारी बैंकों की शाखाओं में राशि नहीं पहुंच पा रही है। स्थिति से वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया गया है। जल्द ही किसानों के खातों में राशि भेजी जाएगी।
– रघुबीर मालवीय, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, रेहटी

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Złudzenie optyczne: poszukiwania zebry tylko dla detektywów o Gdzie jest papuga? Widzą Znajdź lisa w 7 sekund: fascynująca gra logiczna dla Tylko najbardziej uważni mogą Znajdź dwa koty: tylko Niezwykle trudny Tylko najzręczniejsi potrafią rozwiązać zagadkę trójkątów na Rebus dla osób z doskonałym wzrokiem: znajdź cyfrę 8 w Test IQ: Czy potrafisz rozpoznać