सुमित शर्मा, सीहोर
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इस समय दीपावली सहित अन्य त्यौहारों का सीजन चल रहा है। दीपावली पर्व पर बाजार में जमकर सामानों की बिक्री हो रही है। इस दौरान बड़ी मात्रा में मावा, मिठाई सहित अन्य खाद्य पदार्थों की बिक्री भी हो रही है। कह सकते हैं कि बाजार में नकली खाद्य पदार्थों की धूम है, लेकिन ऐसे सीजन में भी खाद्य विभाग के अधिकारी भी गुम हैं। अब यह दुकानदारों एवं अधिकारियों के बीच के तालमेल का मामला है या फिर अधिकारियों की निरंकुषता है कि वे ऐसे सीजन में भी दुकानों पर पहुंचकर जांच नहीं कर रहे हैं। खाद्य विभाग के अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।
दीपावली पर्व पर बाजारों में जमकर मिठाइयां बिक रही है। दीपावली के दिन बड़ी मात्रा में लोग बाजारों से मिठाई ले जाते हैं, लेकिन इससे पहले धड़ल्ले से दुकानों पर मिठाइयां बन रही हैं। इसके लिए जहां दुकानदारों द्वारा बाहर से मावा सहित अन्य सामान बुलवाया जाता है तो वहीं कई दुकानदार खुद भी इसे तैयार करते हैं। सीहोर जिला मुख्यालय सहित जिले के भैरूंदा, रेहटी, बुधनी, आष्टा, इछावर सहित अन्य नगरों में बड़ी-बड़ी दुकानें लगाकर इनकी बिक्री भी की जाती है, लेकिन इन सबके बीच में जिला खाद्य विभाग की टीम की निरंकुशता भी साफ नजर आती है। जिला खाद्य अधिकारी सहित विभाग की टीम सिर्फ खानापूर्ति के लिए जिला मुख्यालय सीहोर की कुछ दुकानों पर पहुंचकर जांच करती है एवं उनके सैंपल ले लेती है। हालांकि इन सैंपलों की जांच रिपोर्ट त्यौहार खत्म होने के बाद आती है, लेकिन इसे कभी भी उजागर नहीं किया जाता है। यदि जांच रिपोर्ट में खामियां पाई जाती है तो संबंधित दुकानदार से विभाग की टीम वसूली कर लेती है और मामले को रफा-दफा कर दिया जाता है। ऐसे मामलों में अब तक किसी भी दुकानदार पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई है। ऐसे में दुकानदार भी बेफ्रिक होकर धड़ल्ले से नकली मावा सहित अन्य तरह के खाद्य पदार्थों की जमकर बिक्री करते रहते हैं।
यहां नहीं पहुंचती है टीम, पहले ही हो जाती है डील-
खाद्य विभाग की टीम खानापूर्ति के लिए जिला मुख्यालय स्थित कुछ दुकानों पर पहुंचकर अपनी खानापूर्ति कर लेती है, लेकिन जिले के अन्य तहसील मुख्यालयों पर पहुंचकर जांच नहीं करती है। कहा जाता है कि त्यौहार से पहले ही टीम दुकानों पर पहुंचकर डील कर लेती है, इसके कारण दुकानदार निष्ंिचत होकर अपना कारोबार करते रहते हैं। उन पर किसी भी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
कांग्रेस नेता ने भी खोला मोर्चा –
खाद्य पदार्थों में मिलावट को लेकर सीहोर के कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने भी मोर्चा खोल रखा है। वे लगातार मिलावट के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। कांग्रेस के पूर्व जिला प्रवक्ता एवं महासचिव पंकज शर्मा ने कहा है कि जिला प्रशासन मिलावट रोकने के लिए सख्त कदम उठाए अन्यथा जनहित में उन्हें आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा और दूषित मिठाई से यदि किसी का स्वास्थ्य खराब होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी खाद्य विभाग की रहेगी। हर साल की तरह इस बार भी दीपावली पर्व से पहले ही जिले में मिठाइयों की मांग बढ़ने के साथ ही दूषित और मिलावटी मिठाई बिकने का दौर शुरू हो गया है। देखा जा सकता है कि सीहोर नगर हो या ग्रामीण क्षेत्र में लगने वाले हाट बाजार, हर जगह मिठाइयों की मांग लगातार बढ़ती जा रही है और उन मिठाइयों की जांच करना खाद्य विभाग उचित नहीं समझ रहा है। ऐसी संभावना इसलिए दिख रही है, क्योंकि बाजार में मावे का जो मूल्य चल रहा है, अनेक स्थानों पर मावे के दाम से भी कम दर पर मावे की मिठाइयां बिक रही है। मावे के मूल्य से भी कम दर पर मिठाइयां मिलना सीधे-सीधे खाद्य विभाग की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करता है। कांग्रेस नेता पंकज शर्मा ने कहा कि प्रशासन को अपने खाद्य विभाग को स्पष्ट आदेश देना चाहिए कि मिलावटखोरी पर सख्त कार्रवाई हो और जिन दुकानों से अभी महज रस्म अदायगी के तौर पर नमूने लिए जा रहे हैं, उसकी जांच रिपोर्ट दीपावली से पहले आकर यदि अमानक मिठाई पाई जाती है तो कार्रवाई करना चाहिए।
खाद्य विभाग के जिम्मेदार निरंकुश, नहीं दे रहे जबाव –
इस संबंध में खाद्य विभाग के जिला अधिकारी सुनील वोहित एवं बुधनी विकासखंड अधिकारी कुसुम अहिरवार को उनके मोबाइल पर फोन लगाया, लेकिन इन जिम्मेदार अधिकारियों ने फोन उठाना भी उचित नहीं समझा। ऐसे में यदि अधिकारियों को किसी मिलावट की जानकारी देना हो तो वह भी नहीं दे सकते।