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पहले चरण में सीएम योगी के इन 8 मंत्रियों की होगी अग्नि परीक्षा, गन्ना मंत्री सुरेश राणा भी लिस्ट में शामिल

लखनऊ
विधानसभा चुनाव में योगी सरकार के मंत्रियों के कामकाज का भी इम्तहान होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की लोकप्रियता तो अपनी जगह है, लेकिन खुद भी मंत्रियों की परफार्मेंस की परख जनता करेगी। चुनावी नैया पार लगाने में 8 मंत्री तो पहले चरण के चुनाव में ही इस तरह की ‘अग्नि परीक्षा’ देने जा रहे हैं। चुनाव में इन दिनों मुफ्त बिजली का मुद्दा भी है और गन्ना किसानों का भी और छुट्टा जानवरों व गोवंश आश्रय स्थल का भी। संयोग है कि इन मंत्रियों में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा, गन्ना मंत्री सुरेश राणा, व पशुधन मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी के कामकाज की भी परीक्षा होनी है।

इसके अलावा स्वतंत्र प्रभार के व्यवसायिक शिक्षा मंत्री कपिल अग्रवाल भी मैदान में हैं। पहले चरण में पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों के लिए हो रहे चुनाव में इन मंत्रियों की प्रतिष्ठा भी जुड़ी है। विधायक भी हैं और प्रदेश सरकार में मंत्री भी। ऐसे में प्रदेश सरकार के मंत्री होने के नाते भाजपा को उनसे उम्मीदें भी हैं और उनके चुनाव निगाहें सबकी हैं।  
 

श्रीकांत शर्मा-मथुरा- ऊर्जामंत्री
बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा जहां अपनी सरकार की खूबियां बता रहे हैं, वहीं विरोधी दलों के हमलों का जवाब दे रहे हैं। उनकी सीट पर सपा रालोद गठबंधन  से देवेंद्र अग्रवाल, बसपा से एसके शर्मा, व कांग्रेस से प्रदीप माथुर चुनाव मैदान में हैं।

अतुल गर्ग-गाजियाबाद- चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री
राज्यमंत्री अतुल गर्ग का मुकाबला यहां सपा- रालोद गठबंधन के विशाल वर्मा, बसपा के कृष्ण कुमार व कांग्रेस के सुशांत गोयल से है। मंत्री के तौर पर वह जहां अपनी उपलब्धियां बता रहे हैं, वहीं विपक्षी दल उनको घेरने की तैयारी कर रहे हैं।

सुरेश राणा-थाना भवन- गन्ना मंत्री
पश्चिमी यूपी में गन्ना किसानों की समस्याएं बड़ा मुद्दा है। योगी सरकार के चर्चित मंत्री सुरेश राणा योगी सरकार में गन्ना किसानों का सर्वाधिक भुगतान होने की बात कहते हैं। चुनाव में उनके कामकाज की भी परख होगी। उनको टक्कर देने के लिए रालोद से अशरफ अली, बसपा जहीर मलिक हैं। सत्यम सैनी कांग्रेस से हैं।

कपिल अग्रवाल-मुजफ्फरनगर सदर- व्यवसायिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार

भाजपा के कपिल देव अग्रवाल के अलावा यहां मंत्री को अपने कामकाज के अलावा योगी मोदी की लोकप्रियता का भरोसा है रालोद के सौरभ स्वरूप, बसपा के पुष्पांकर पाल व कांग्रेस के सुबोध शर्मा भी मजबूती से लड़ रहे हैं।  

संदीप सिंह- अतरौली
भाजपा के कद्दावर नेता कल्याण सिंह के पौत्र संदीप इस सीट से दुबारा चुनाव मैदान में हैं। उनके दादा कल्याण सिंह यहां कई बार जीते। राज्यमंत्री के तौर पर उनकी पहचान बनी। यहां सपा रालोद गठबंधन से वीरेश यादव, बसपा से ओमवीर व कांग्रेस से  धर्मेंद्र कुमार मैदान में हैं।

चौधरी लक्ष्मी नारायण-छाता- दुग्धविकास, पशुधन व मत्स्य मंत्री  
इस प्रतिष्ठित सीट पर ठाकुर तेजपाल सिंह सपा रालोद गठबंधन से लड़ रहे हैं तो बसपा से सोहनपाल सिंह व कांग्रेस से पूनमदेवी मैदान में हैं।

अनिल शर्मा शिकारपुर- वन पर्यावरण राज्यमंत्री
बुलंदशहर की इस सीट मंत्री अनिल शर्मा के मुकाबले शिकारपुर सीट पर रालोद के  किरनपाल  हैं तो  बसपा मो. रफीक व कांग्रेस जियाउर रहमान भी टक्कर दे रहे हैं।

जीएस धर्मेश आगरा कैंट- खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री
जीएस धर्मेंश को चुनौती देने के लिए सपा रालोद से कुंवर चंद्र एडवोकेट, बसपा से भातेंद्र अरुण हैं। कांग्रेस से सिकंदर सिंह मैदान में हैं।

2017 में एक दर्जन मंत्री ही जीत पाए थे
पिछले विधानसभा चुनाव के वक्त अखिलेश सरकार थी। उसमें  शिवपाल यादव, रामगोविंद चौधरी, दुर्गा यादव, महबूब अली, रघुराज प्रताप सिंह, मनोज पांडेय, नितिन अग्रवाल, आजम खां, पारस नाथ यादव व शैलेंद्र यादव ललई समेत एक दर्जन मंत्री जीत पाए थे, लेकिन दो दर्जन  से ज्यादा मंत्री चुनाव हार गए थे। इनमें अरविंद सिंह गोप, शिव प्रताप यादव, शिवाकांता ओझा, ब्रह्माशंकर त्रिपाठी, रविदास मेहरोत्रा, पवन पांडेय, जियाउद्दीन रिजवी, अवधेश प्रसाद, गायत्री प्रजापति, राम मूर्ति वर्मा, शंखलाल मांझी, मदन चौहान, कैलाश चौरसिया  व अभिषेक  मिश्र प्रमुख हैं।

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