स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने तथा रायपुर में कार्गो हब बनाया जाये – पारवानी
रायपुर
छत्तीसगढ़ चेम्बर आॅफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रथम रायपुर आगमन पर उनसे मुलाकात कर स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित करने तथा रायपुर में कार्गो हब बनाया जाने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।
चेम्बर प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी ने पत्र के माध्यम से बताया कि रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल से कोविड के पूर्व प्रति दिन 55 से 60 उड़ानों का आवागमन होता था, किंतु कोविड के कारण उड़ानों में कुछ कमी आयी थी, पर देखा जा रहा है कि पुन: उड़ानों में कोविड के पहले वाली स्थिति बनती जा रही है, जिससे भविष्य में पूर्व की भाँति प्रति माह कुल 1,30,000 से 1,50,000 हवाई यात्रियों का आवागमन प्रारम्भ हो जायेगा। पारवानी ने कहा कि रायपुर विमानतल से जयपुर, सूरत, जोधपुर ,अहमदाबाद, चंडीगढ, अमृतसर एवं गुना तक के लिये उड़ान प्रारम्भ करने की माँग लम्बे समय से की जा रही है, जिसे जल्द से जल्द प्रारम्भ करवाने का कृपा करें। जिससे यहां के यात्रियों कम समय और कम खर्चे में सीधे यात्रा का लाभ मिल सके। रायपुर से गुना के लिये फ्लाइट की सुविधा उपलब्ध कराई जाये क्योंकि गुना के अशोक नगर में जैन मंदिर है एवं आनंदपुर एक भव्य तीर्थस्थल धाम है जहां हजारों लाखों की संख्या में लोग दर्शनों के लिए छत्तीसगढ़ के अनेक जिलों से जाते हैं।
श्री पारवानी ने आगे बताया कि रायपुर विमानतल देश के बिल्कुल मध्य में स्थित होने के कारण देश के किसी भी कोने से दो घंटे के अंदर कोई भी सामान भेजा और मंगाया जा सकता है, अत: कार्गो हब की स्थापना अत्यंत ही आवश्यक है, क्योंकि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान प्रदेश है, रायपुर से फल, सब्जियाँ एवं फूल इत्यादि दूसरे शहरों को भेजा जाता है तथा एयर कार्गों के द्वारा रोजाना 20 से 25 टन सामान जिसमें दवाईयाँ, जड़ीबूटियां, फल, मशीनों के पार्ट्स इत्यादि बहुत सी चीजें रायपुर में आती है। कृषि उड़ान योजना को छत्तीसगढ़ प्रदेश में भी लागू किए जाने से कृषि बहुल प्रदेश छत्तीसगढ़ को भी अधिक लाभ होने की संभावना है। अत: रायपुर में कार्गो हब बनाये जाने की अत्यंत आवश्यकता है।
श्री पारवानी ने स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर को अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा घोषित किया जाना चाहिये, क्योंकि यहाँ अंतर्राष्ट्रीय उड़ान के आवागमन के सभी मापदंड पूरा करता हैं, साथ ही नया।ज्ब् ज्व्ॅम्त् भी बनकर तैयार हो चुका है। जिससे विमानन कम्पनियों को अंतर्राष्ट्रीय उड़ान का परिचालन प्रारम्भ करने में आसानी होगी। रायपुर विमानतल से अन्य देश जैसे कि थाईलंैड, दुबई एवं सिंगापुर आदि के लिये यात्रियों की संख्या भी बहुत अधिक है।
रायपुर विमानतल दो-तीन वर्ष पूर्व रात्रि में विमान को पार्क करने हेतु फी पार्किंग प्रारम्भ करने की योजना थी, जिसे अविलम्ब प्रारम्भ किया जाना चाहिये, जिससे विमानन कर्मियों के रायपुर में विश्राम करने से होटल एवं ट्रैवल एजेंट वालों को व्यवसाय मिलेगा, साथ ही साथ विमानों के रख-रखाव वाली टीम भी रायपुर में स्थायी रूप से रहेगी और यात्रियों के लिये सुबह-सुबह दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद एवं अन्य स्थानों के लिये फ्लाइटों की सुविधा प्रतिदिन जाने एवं उसी दिन आने हेतु किफायती किराये में मिल पायेगी।
अम्बिकापुर को उड़ान योजना के तहत विकसित किया जा सकता है, जिससे छत्तीसगढ़ में रायपुर, बिलासपुर, जगदलपुर एवं अम्बिकापुर से राज्य के अंदर ही हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ जायेगी। रायपुर एयरपोर्ट में केवल 3 क्ैडक् (सुरक्षा जाँच) मशीन है, इसलिये सुरक्षा जाँच में थोड़ा समय लग जाता है। अत: सामाजिक दूरी बनाये रखने हेतु अतिरिक्त सुरक्षा जांच मशीन लगवाना उचित होगा जिससे यात्रियों को सुविधा हो। आगमन कक्ष में कई बार दो तीन उड़ान एक साथ आने से यात्रियों की संख्या एक साथ बढ़ जाती है किंतु केवल दो कन्वेयर बेल्ट होने से यात्रियों को असुविधा होती है। जिसकी संख्या को बढ़ाया जाना चाहिए।
छत्तीसगढ़ की राजधानी होने के साथ-साथ यह राज्य का एकमात्र बड़ा एयरपोर्ट है और इस विमानतल से प्रस्थान करने वाले यात्रियों को 500/-रुपया यूजर डेवलपमेंट फीस देना होता है, जबकि भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद, इंदौर जैसे बहुत से एयरपोर्ट में ये शुल्क नहीं लगता, अन्य एयरपोर्ट की तरह यहां भी यूजर डेवलपमेंट फीस शुल्क में छूट दिया जावे।
रायपुर विमानतल शहर से काफी दूर है ऐसे में यात्रियों के साथ छोड?े और लेने आने वाले लोगों के लिये एयरपोर्ट के बाहर भी सार्वजनिक शौचालय होना आवश्यक है, जो आगमन और निर्गम के पास होना चाहिये।