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माक्रों ने कुछ यथार्थवादी सुझाव दिएः पुतिन

 फ्रांस

फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों से हुई बातचीत के बाद रूस के राष्ट्रपति ने कहा है कि कुछ सुझाव ऐसे आए हैं जिन पर भविष्य में मिलकर काम करने के बारे में सोचा जा सकता है.सोमवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने मॉस्को में रूसी नेता व्लादीमीर पुतिन से मुलाकात की. यह मुलाकात तब हुई है जब पश्चिमी देशों को आशंका है कि रूस यूक्रेन पर हमला करने वाला है. और रूस भी अपनी एक लाख से ज्यादा फौज यूक्रेन की सीमा पर जमा करके पश्चिमी देशों से मांगें मनवाने पर अड़ा है. बातचीत में माक्रों ने पुतिन से कहा कि उम्मीद है उनकी यह मुलाकात यूक्रेन संकट से बढ़े तनाव को कम करने में मददगार साबित होगी. बैठक की शुरुआत में ही माक्रों ने कहा, "यह चर्चा उस दिशा में कदम बढ़ाने की शुरुआत हो सकती है, जिस ओर हम जाना चाहते हैं, यानी तनाव कम करने की ओर.

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” युद्ध टालने की उम्मीद माक्रों ने युद्ध टालने की और "परस्पर भरोसे, स्थिरता और सबको नजर आने वाले तत्व” बनाने की उम्मीद भी जताई. पुतिन के साथ बैठक के बाद माक्रों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्होंने ‘ठोस सुरक्षा गारंटी' देने वाले कुछ प्रस्ताव पेश किए हैं. माक्रों ने कहा, "राष्ट्रपति पुतिन ने मुझे भरोसा दिलाया कि वह इस दिशा में विमर्श को लेकर तैयार हैं और यूक्रेन की स्थिरता और क्षेत्रीय संप्रभुता बनाए रखना चाहते हैं.” माक्रों ने कहा कि हालांकि मतभेद बने हुए हैं लेकिन दोनों के बीच कई साझा तत्व भी नजर आए हैं. दोनों नेताओं के बीच संकट के सबसे अहम बिंदू यानी यूक्रेन की नाटो सदस्यता को लेकर भी चर्चा हुई. माक्रों ने पुतिन से कहा कि किसी देश के नाटो की सदस्यता ग्रहण करने के अधिकार छीनने से यूरोप में नई सुरक्षा व्यवस्था बनाने का मकसद कामयाब नहीं हो सकता.

पुतिन ने क्या कहा? व्लादीमीर पुतिन ने कहा कि यूरोप में सुरक्षा को लेकर रूस और फ्रांस की साझा चिंताएं हैं और फ्रांस ने बरसों से यूक्रेन विवाद हल करने की दिशा में काम किया है. रूसी नेता ने कहा कि माक्रों के साथ बातचीत लाभदायक रही जिसमें ठोस चर्चा हुई. उन्होंने यह भी कहा कि माक्रों के कुछ सुझाव ‘यथार्थवादी' हैं और भविष्य में मिलकर कदम उठाने का आधार बन सकते हैं. पुतिन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूक्रेन की स्थिति को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जा सकता है. उन्होंने कहा, "रूस पश्चिम के साथ समझौते की भरपूर कोशिश करेगा.” हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि मिंस्क समझौतों का कोई विकल्प नहीं है और यूक्रेन को उनका सम्मान करना चाहिए.

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