21 मार्च से एनीमिया मुक्त रायपुर सप्ताह का आयोजन
रायपुर
कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रास सभाकक्ष में एनीमिया मुक्त भारत कायज़्क्रम अंतगज़्त अंतर विभागीय समन्वय एवम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। देश को एनिमिया मुक्त करने सरकार कई योजनाओं के तहत कायज़्क्रम चला रही है। भारत में 17 जुलाई से एनिमिया मुक्त भारत बनाने अभियान की शुरुआत की गई है। इसके तहत गांव-गांव जाकर 5 वर्ष तक के बच्चों और 15 से 49 आयु वगज़् की महिलाओं की रक्त जांच की जाएगी और एनिमिक पाए जाने पर उन्हें जरूरी उपचार दिया जाएगा।
मुख्य चिकित्सा एवम स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल ने बताया कि 21 माचज़् नेशनल एनिमल डे से रायपुर जिले में एनीमिया मुक्त रायपुर सप्ताह मनाया जाएगा। जिसमें मिड डे मील में आयरन रिच फूड का समायोजन, स्कूलों में आयरन रिच लंच बॉक्स, पोस्टर प्रतियोगिता, शिविर आदि का आयोजन किया जाएगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि एनीमिया बहुत से कारणों से हो सकता है किंतु हमारे देश में इसका सबसे बड़ा कारण है पौष्टिक आहार में कमी, इसके अलावा इस रोग का एक और बड़ा कारण है पेट में कीड़ों का हो जाना। यह कीड़े प्रदूषित जल और खाद्य पदाथज़् द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और शरीर में आयरन की कमी होने पर खून में कमी होती है। खून में कमी होने पर हमें डाइट में पालक, टमाटर, चुकंदर, सेब, अनार आदि का प्रयोग करना चाहिए।
करोना कॉल में स्कूल बंद होने के कारण बच्चों को वीकली गोली नही उपलब्ध हो पाया था जिससे एनीमिया के केस में वृद्धि हुई। इस संबंध में आज की समन्वय बैठक में निणज़्य लिया गया की महिला एवम बाल विकास विभागऔर स्कूल शिक्षा विभाग में जितने भी टैब की जरूरत है, उसकी पूतिज़् स्वास्थ विभाग के द्वारा किया जायेगा। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ मीरा बघेल, डॉ स्मृति देवांगन, डॉ निकिता पवार, निशामणि साहू, पिलाराम कुम्हार, डॉ पंकज, अनुराधा, नेहा निर्मलकर, गजेंद्र डोंगरे सहित शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित हुए।
उल्लेखनीय है मार्च2018 से पोषण अभियान का शुरुआत किया गया था। उसका मुख्य उद्देश्य एनीमिया की संख्या में कमी लाना है एवं एनीमिया के निर्धारित लक्ष्य को हासिल करना है। इसी लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए नीति आयोग ने पोषण अभियान एवं राष्ट्रीय पोषण रणनीति को बनाया था। एनीमिया मुक्त भारत की संरचना बच्चों, वयस्कों एवं महिलाओं (आयु 15-49 वर्ष) में एनीमिया की दर में प्रति वषज़् 3 प्रतिशत की कमी साल (2018 से 2022) तक लाने निधाज़्रित कि गयी थी। कुछ पाइप लाइन बिछ चुके है व प्राथमिक स्तर का काम हो चुका है। उसे आगे बढ़ाना व ग्रामवासियों को हर घर नल से जल योजना का लाभ देना है । इसकी संख्या 364 है।
दूसरा सोलर योजना है। इसके तहत पानी टंकी के ऊपर सोलर सिस्टम का उपयोग कर मोटर के द्वारा घरों तक पाइप लाइन के माध्यम से जल प्रदाय किया जाना है। इसकी संख्या 240 है। तीसरा एकल नवीन योजना हैै जिसके तहत 501 गांवों में पूरी तरह से सभी कुछ नया ही किया जाना है। नल पाईप लाईन टंकी सभी कुछ नये ही बनाए जाने हैै। साहू ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंंत्री डॉ. रमन सिंह के उक्त विजन व संासद संतोष पांडे की जागरूकता एवं सक्रियता से ग्रामवासियों के घरों में बकायदा प्लेट फार्म बना कर नल से शुद्ध पेयजल पाने की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके लिए 1105 गांवों के लिए प्रशासकीय स्वीकृति हो चुकी है और धड़ल्ले से काम का क्रियान्वयन किया जा रहा है। शेष 489 गांवों की स्वीकृति हेतु कार्य प्रगति पर है। केन्द्र सरकार की उक्त योजना के लागू होने से जिले के ग्रामवासियों में प्रसन्नता की लहर व्याप्त है। उक्ताशय की जानकारी सांसद प्रतिनिधि देवशरण सेन ने दी।