राज्य

केंद्रीय मंत्री सिंधिया के पत्र से CG में गरमाई राजनीति

रायपुर
 केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पत्र ने प्रदेश में हवाई अड्डों को लेकर राजनीति गरमा दी है। सिंधिया के पत्र का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने हवाई अड्डों के लिए राज्य सरकार की तरफ से जमीन और राशि देने की मांग की है। इस पर मुख्यमंत्री बघेल ने पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री सिंधिया को झूठा करार दे दिया है। बघेल ने कहा कि सिंधिया यहां से झूठ बोलकर गए हैं। राज्य में हवाई सेवाओं के विस्तार में केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रहा है।

पूर्व सीएम डा.रमन सिह ने सीएम बघेल को लिखा पत्र

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और राज्य के पूर्व सीएम डा. रमन सिंह ने सीएम बघेल को लिखे पत्र में रायपुर में रनवे के विस्तार के लिए पर्याप्त जमीन नहीं दिए जाने बात कही है। उन्होंने लिखा है कि रनवे विस्तार के लिए 464.36 एकड़ जमीन की जरूरत थी, लेकिन राज्य ने 440.21 एकड़ जमीन दी है। बाकी 24.16 एकड़ जमीन अब तक नहीं दी गई है।

यही वजह है कि रनवे 2018 में बनकर तैयार हो गया है, लेकिन उसका उपयोग नहीं हो रहा है। इसी तरह रायगढ़ एयरपोर्ट के लिए 569 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को नहीं दिया गया है। बिलासपुर में भी 351.15 एकड़ जमीन एयरपोर्ट अथारिटी को हस्तांतरित नहीं किया गया है। अंबिकापुर एयरपोर्ट को अपग्रेड करने का काम अभी तक नहीं हुआ है। राज्यांश की राशि 2.53 करोड़ रुपये भी नहीं दी गई है।

 

डा. रमन के पत्र पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि उनके शासनकाल में एक भी हवाई अड्डा शुरू नहीं हो पाया था। जगदलपुर को प्रधानमंत्री के हाथों शुरू जरूर कराया था, लेकिन वह भी बंद पड़ा था। हमारे शासनकाल में जगदलपुर व बिलासपुर एयरपोर्ट से हवाई सेवा शुरू की गई। अंबिकापुर को भी विकसित कर रहे हैं। एयरपोर्ट के लिए हम लोग लगातार मांग करते रहे। जमीन के संबंध में मैं खुद मिला हूं।

बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार हमें सहयोग नहीं कर रही है। सिंधिया पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि वे जब कांग्रेस में थे, तब महराज कहलवाते थे। अब उन्हें इसमें संकोच हो रहा है। कहते हैं कि मुझे महराज मत कहो। बघेल ने कहा कि क्योंकि एक महराज ने दूसरे महाराजा (एयर इंडिया) को निपटा दिया है। उन्होंने कहा कि सिंधिया यहां आए थे तो कुछ देकर नहीं गए बल्कि रैकी करके गए हैं कि यहां क्या बेचा जा सकता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button