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कभी नक्सलियों का गढ़ था यह इलाका, अब जंगलों से सहारे ‘आत्मनिर्भर महिलाएं’ बनीं दंतेवाड़ा की पहचान

 दंतेवाड़ा।

नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा में महिलाओं की मेहनत रंग ला रही है। इलाके में वनोपज से बनाए जाने वाले खाद्य उत्पादों को लेकर नीति आयोग ने स्थानीय महिलाओं के प्रयासों की तारीफ की है। बता दें कि जिले में महिलाएं 'बस्तर फूड फर्म' के बैनर तले महुआ से लड्डू, चाय, जैम, जैली और कुकीज बना रही हैं। नीति आयोग ने महिलाओं की सराहना करते हुए दो अलग-अलग ट्वीट किए। नीति आयोग ने अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडलक से लिखा, 'क्या आप जानते है, आंकाक्षी जिले दंतेवाड़ा में, महुआ जनजातीय अर्थव्यवस्था का अभिन्न अंग है? महुआ पोषण और औषधीय गुणों से भरपूर एक मीठा फूल है।'

एक अन्य ट्वीट में नीति आयोग ने लिखा, 'दंतेवाड़ा जिले की महिलाओं जंगलों में पाए जाने वाले खाद्य उत्पादों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में लोगों को जागरूक कर रही हैं। जंगल के उत्पादों ने आदिवासी समुदायों के लिए आजीविका के अवसर पैदा करने में मदद की है और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए सशक्त बनाया है।'

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