विदेश

UNSC में रूस के खिलाफ मतदान के लिए PAK पर था दबाव, इमरान बोले- क्या भारत को भी लिखा पत्र

इस्लामाबाद

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा मतदान में यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालने की बात कही है, जिसमें भारत, पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात ने भाग नहीं लिया था। इमरान ने इस दबाव के लिए इस्लामाबाद स्थित पश्चिमी राजदूतों को फटकार लगाई है। एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए इमरान खान ने 22 राजनयिक मिशनों के प्रमुखों की ओर से जारी संयुक्त पत्र के जवाब में कहा कि पाकिस्तान पश्चिम का गुलाम नहीं है, जिसमें पाकिस्तान से संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस की निंदा करने वाले प्रस्ताव का समर्थन करने का आग्रह किया गया था। उन्होंने कहा कि मैं यूरोपीय संघ के राजदूतों से पूछना चाहता हूं कि क्या आपने भारत को ऐसा पत्र लिखा था?

इमरान ने कहा, "आप हमारे बारे में क्या सोचते हैं? क्या हम आपके गुलाम हैं… कि जो कुछ कहोगे, हम वैसा करेंगे?" उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को नुकसान हुआ क्योंकि उसने अफगानिस्तान में पश्चिमी नाटो गठबंधन का समर्थन किया था। इमरान खान ने कहा, "संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन और यूरोप के साथ हमारी दोस्ती है। हम किसी भी कैंप में नहीं हैं। चूंकि हम तटस्थ हैं, हम यूक्रेन में इस युद्ध को समाप्त करने के प्रयास के लिए इन देशों के साथ सहयोग करने का प्रयास करेंगे।"

पाकिस्तान को लिखे पत्र पर इन देशों ने किए हस्ताक्षर
1 मार्च को जर्मनी और फ्रांस सहित पाकिस्तान में विभिन्न विदेशी मिशनों के प्रमुखों ने 25 फरवरी के यूएनएससी प्रस्ताव को लेकर संयुक्त पत्र लिखा था। राजनयिकों के अनुसार, पत्र को सार्वजनिक रूप से जारी करने का कदम दुर्लभ था। पत्र पर ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, इटली, पुर्तगाल, पोलैंड, रोमानिया, स्पेन, स्वीडन, नीदरलैंड, जापान, नॉर्वे और स्विटजरलैंड के राजदूतों ने हस्ताक्षर किए थे।
 

हमले का आदेश आने के वक्त रूस की यात्रा पर थे इमरान
पाकिस्तान में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा कि प्रस्ताव का उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करना था। साथ ही यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा करना भी मकसद था। मालूम हो कि जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर विशेष सैन्य अभियान को मंजूरी दी तो इमरान खान मॉस्को की यात्रा पर थे, जिसकी काफी आलोचना हुई। इसके बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव पर मतदान से पाकिस्तान ने परहेज किया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button