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पदोन्नति मामले में हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव, लोक शिक्षण संचालनालय से मांगा जवाब

बिलासपुर
शिक्षक की पदोन्नति के मामले में बिलासपुर हाईकोर्ट ने छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सचिव, लोक शिक्षण संचालनालय व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। दरअसल, एक अनुदान प्राप्त स्कूल में कार्यरत शिक्षक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। मामले में शिक्षक की ओर से अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और अनादि शर्मा ने पैरवी की।

जानकारी के मुताबिक, देवकुमार गुप्ता विगत 22 सालों से सेंट जेवियर्स उच्चतर माध्यमिक शाला सरगुजा में कार्यरत रहे, उन्हें वहां आपसी रंजिशों के कारण देरी से पदोन्नति और अन्य लाभ के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा।  उन्होंने विभाग व शासन से मदद की गुहार लगाई जिस पर डीपीसी में उनका नाम लेक्चरर के पद के लिए प्रस्तावित किया, लेकिन स्कूल प्रबंधन ने लेक्चरर के पद पर जॉइनिंग नहीं कराई । इसकी शिकायत देवकुमार ने लोक शिक्षण संचालनालय में की तो जिला शिक्षा अधिकारी को  तत्काल लेक्चरर के पद पर जॉइनिंग कराने के आदेश जारी किए।

डीईओ ने स्कूल प्रबंधन को शिक्षक को पदोन्नति देने के लिए निर्देशित किया तो स्कूल प्रबंधन ने लेक्चरर (बायोलॉजी)  में  पद नहीं होने का हवाला दिया और पदोन्नति से वंचित कर दिया गया। इसके बाद प्रशासन ने भी पदोन्नति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया । जिस पर वे अपने अधिवक्ता मतीन सिद्दीकी और अनादि शर्मा के जरिये हाईकोर्ट पहुंचे और लोक शिक्षण संचालनालय के इस आदेश के खिलाफ याचिका दाखिल की। इसकी सुनवाई जस्टिस संजय के. अग्रवाल के एकल पीठ में हुई। सुनवाई के दौरान यह दलील दी की जिस संस्थान में देवकुमार गुप्ता कार्यरत हैं वहां कोई सब्जेक्ट वाइज सेटअप नहीं है और दस्तावेजों से साफ दर्शित है कि  इस बात की जानकारी समस्त विभागों को पहले से थी और इस पर विचार के बाद ही गुप्ता की पदोन्नति हेतु प्रस्ताव समय-समय पर जारी किया गया था। याचिका के साथ पदोन्नति के प्रस्ताव को रोकने के आदेश के खिलाफ अंतरिम राहत के आवेदन पर कोर्ट ने अलग से नोटिस जारी कर राज्य शासन और स्कूल प्रबंधन से  जवाब मांगा है। जवाब आने के बाद इस मामले की सुनवाई की जाएगी।

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