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दस लाख की लागत से भलेसर में बनेगा में सिन्हा समाज के लिए भवन

महासमुंद। ग्राम भलेसर में सिन्हा कलार समाज के लिए सामाजिक भवन का निर्माण कराया जाएगा। सोमवार को संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। इस दौरान विधायक निधि से राशि देने पर समाज के लोगों ने संसदीय सचिव श्री चंद्राकर को केले से तौलकर उनका सम्मान किया।

आज सोमवार को ग्राम भलेसर में सिन्हा कलार समाज के भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर थे। अध्यक्षता समाज के जिलाध्यक्ष ईश्वर सिन्हा ने की। विशेष अतिथि के रूप में समाज के संयोजक नीरज गजेंद्र, निरंजन सिन्हा, दानेश्वर सिन्हा, राधेलाल सिन्हा, पुनीत सिन्हा, शिवालाल सिन्हा, सरपंच टेमीन टिकेश्वर सिन्हा, कल्पना सिन्हा, राजेश सिन्हा मौजूद थे। पूजा अर्चना पश्चात मुख्य अतिथि संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने विधायक निधि से बनने वाले भवन निर्माण के लिए भूमिपूजन किया। इसके पूर्व संसदीय सचिव श्री चंद्राकर के पहुंचने पर समाज के लोगों ने आतिशबाजी व गाजेबाजे के साथ स्वागत किया। समाज के लोगों ने केले से तौलकर संसदीय सचिव श्री चंद्राकर सम्मान भी किया। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि श्री चंद्राकर ने सामाजिक विकास के लिए आपसी एकता पर जोर देते हुए कहा कि सामूहिक प्रयास ही समाज आगे बढ़ सकता है। उन्होंने जीवन में शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा सबसे बड़ा हथियार है। शिक्षित व्यक्ति संस्कारवान नागरिक बनकर समाज व देश का नाम रोशन कर सकता है। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने सिन्हा कलार समाज में महिलाओं की भागीदारी पर खुशी जताते हुए कहा कि बिना महिलाओं की भागीदारी के समाज का उत्थान संभव नहीं है। उन्होंने रात्रिकालीन बैठक के बजाय दिन में कराई जा रही सामाजिक बैठक की तारीफ करते हुए कहा कि समाज उत्थान में महिलाओं की भूमिका आवश्यक व महत्वपूर्ण है। सामाजिक कार्यक्रमों में महिलाओं को आगे आना होगा। कार्यक्रम के अंत में संसदीय सचिव श्री चंद्राकर सहित अन्य अतिथियों ने पौधरोपण भी किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से टिकेश्वर सिन्हा, धनवंतीन सिन्हा, रघुनाथ सिन्हा, भवानी सिन्हा, वीरेंद्र सिन्हा, नुतेश सिन्हा, पूकलाल सिन्हा, देवलाल सिन्हा, रामगोपाल सिन्हा, विनोद सिन्हा, ललित सिन्हा, रामकुमार डडसेना सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग मौैजूद थे।

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