राज्य

नियमों के विपरीत कोई काम नहीं होगा… केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार को निर्णय लेना होता है

अंबिकापुर
परसा कोल ब्लाक विस्तारीकरण और हसदेव अरण्य को लेकर पूछे गए एक सवाल के जबाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि यह देश को तय करना है कि बिजली चाहिए या नहीं। केंद्र के आदेश पर राज्य सरकार को निर्णय लेना होता है अन्यथा हमारे कामकाज पर उंगली उठाई जाती है। जहां तक प्रस्तावित कार्यों की बात है ,नियमों के तहत सारा काम होगा। लोगों के अधिकारों की रक्षा होगी। नियमों के विपरीत कोई काम नहीं होगा।

अंबिकापुर में पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि केंद्र सरकार की गलत नीति के कारण देश में बिजली संकट की स्थिति है। पावर सेक्टर को भी कोयला की आपूर्ति नहीं कर पा रहे है। विदेश से कोयला मंगाया जा रहा है। राज्यों पर दबाब बनाया जा रहा है कि विदेश से आयातित कोयले को स्थानीय उत्पादित कोयला में मिलाया जाए। विदेश से महंगे दर पर कोयला मंगाया जा रहा है।यूपीए शासनकाल में कोयला घोटाला का आरोप लगाया गया लेकिन इसे प्रमाणित नहीं किया जा सका लेकिन आज केंद्र की भाजपा सरकार के विदेश से कोयला आपूर्ति में घोटाले की बू आ रही है।उन्होंने केंद्र सरकार की कोयला नीति पर भी सवाल उठाए।छत्तीसगढ़ में बंद ट्रेनों को चालू करने मैंने रेल मंत्री से फोन पर चर्चा भी की है और बकायदा पत्र भी लिखा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ एक समृद्धशाली राज्य है। यहां की सभ्यता,संस्कृति की एक अलग पहचान है लेकिन पिछले 15 वर्षों के भाजपा शासनकाल में छत्तीसगढ़ की पहचान या तो नक्सलियों के नाम पर थी या फिर कोयला खदानों के लिए।आज स्थिति को हमने बदल दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनका यह दौरा योजनाओं की समीक्षा के लिए है। योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पंक्ति को मिलना चाहिए।करीब से योजनाओं को जानने का प्रयास किया जा रहा है। हमने स्पष्ट निर्देश दिया है कि आदिवासियों के साथ गैर आदिवासियों को भी वनाधिकार पत्र मिलना चाहिए।

 

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