महिलाओं में बांझपन की समस्या बढ़ाती है ये आदतें
प्रेग्नेंट होने के लिए सिर्फ पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी बेहतर होना काफी नहीं होता, बल्कि महिलाओं का हेल्दी और फिट रहना भी बहुत जरूरी है। लेकिन आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी, स्ट्रेसफुल लाइफ और अनहेल्दी लाइफस्टाइल के चलते महिलाओं को इनफर्टिलिटी या बांझपन की समस्या होने लगती हैं। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि महिलाओं में इन दिनों इनफर्टिलिटी की समस्या इतनी ज्यादा क्यों बढ़ रही है? इसके पीछे की मुख्य भाषा क्या है? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं ऐसी चार आदतें जो आपकी इनफर्टिलिटी को बढ़ाती हैं और महिलाओं को प्रेग्नेंट होने में समस्या आती है…
स्मोकिंग/ड्रिंकिंग
यह कहने में संकोच तो होता है, लेकिन रिसर्च के अनुसार पहले की तुलना में आजकल महिलाएं धूम्रपान और शराब का सेवन ज्यादा करती हैं। यही धूम्रपान और शराब पीने की आदत महिलाओं की प्रजनन क्षमता को कम करती है, क्योंकि तंबाकू और एल्कोहल में टॉक्सिंस मौजूद होते हैं जो महिलाओं के अंडाशय को प्रभावित करते हैं और इनफर्टिलिटी की समस्या को बढ़ाते हैं।
खराब ईटिंग हैबिट
भूख से बहुत ज्यादा कम खाना या ओवरहीटिंग करना दोनों ही नुकसानदायक होता है। कम खाने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते है। वहीं ओवरहीटिंग करने से मोटापा बढ़ जाता है, जो महिलाओं में PCOD या PCOS जैसी गंभीर समस्या को जन्म देता है। जिसके कारण हार्मोन डिसबैलेंस हो जाते हैं और महिलाओं में इनफर्टिलिटी का खतरा बढ़ जाता है।
स्ट्रेस
आजकल की तनाव भरी जिंदगी में स्ट्रेस होना आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि बेवजह जिन बातों को लेकर आप अत्यधिक तनाव ले लेते हैं वह आपके प्रेगनेंसी में बड़ी बाधा बन सकते हैं। जी हां, रिसर्च में पाया गया है कि तनाव के वजह से शुक्राणु अंडे तक पहुंच नहीं पाते हैं। जिससे महिलाओं का प्रेग्नेंट हो पाना मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा स्ट्रेस महिलाओं में इनफर्टिलिटी के कारणों को भी बढ़ाता है।
फैलोपियन ट्यूब
आजकल महिलाओं में ये समस्या बहुत आम हो गई है कि उनकी फैलोपियन ट्यूब बंद हो जाती है। जिसकी वजह से पुरुषों का स्पर्म महिलाओं के अंडों तक नहीं पहुंच पाता है, जिससे गर्भ धारण करना मुश्किल हो जाता है और कई बार तो ऐसा होता है कि बच्चा फेलोपियन ट्यूब में ही बढ़ने लगता है जो खतरे का संकेत होता है।
इन चीजों का रखें ध्यान
इनफर्टिलिटी से बचने के लिए महिलाओं को अपनी लाइफ स्टाइल को बदलना बहुत जरूरी होता है। जिसमें रेगुलर वर्कआउट के साथ ही अपनी डाइट का पूरा ध्यान रखना होता है। इसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, ड्राइफ्रूट्स, अंकुरित अनाज यह सब उन्हें अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। साथ ही सही समय पर सोना चाहिए और अपनी 8 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए। इसके अलावा प्रेगनेंसी में बहुत ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए क्योंकि 30 के बाद गर्भधारण करने में समस्याएं आ जाती है।