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कोरोना के कहर के बीच दिल्ली एम्स में ओपीडी सेवाओं को लेकर अहम फैसला

नई दिल्ली
दिल्ली में एक बार फिर कोरोना के केस बढ़ते ही अस्पतालों में आने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है। हालात को देखते हुए दिल्ली एम्स ने अभी ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या सीमित कर दी है। इसको लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली (AIIMS Delhi) ने शुक्रवार को बताया कि एक आकस्मिक कार्य योजना के रूप में अस्पताल और सभी केंद्रों में ओपीडी सेवाएं केवल पूर्व अपॉइंटमेंट वाले रोगियों (नए और फॉलोअप) तक सीमित पंजीकरण के साथ काम करती रहेंगी। 

सर्कुलर के अनुसार, एम्स अस्पताल और सभी केंद्रों में ओपीडी सेवाएं सीमित पंजीकरण के साथ काम करती रहेंगी। सभी स्पेशियलिटी क्लीनिकों को फिलहाल बंद कर दिया जाएगा और स्पेशियलिटी क्लिनिक फॉलो-अप मरीजों को फॉलो-अप अपॉइंटमेंट स्लॉट के भीतर ही रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि सभी रूटीन मरीजों की भर्ती और सभी रूटीन प्रक्रियाएं, गैर जरूरी सर्जरी अगले आदेश तक अस्थायी रूप से रोक दी जाएंगी। वहीं, जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर (JPNATC) की ओपीडी 8 जनवरी, 2022, सुबह 8 बजे से मुख्य अस्पताल में पुराने आरएके ओपीडी की 5वीं मंजिल पर शिफ्ट होगी।

दिल्ली में डराने लगी कोविड-19 मरीजों की संख्या
दिल्ली में कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट की दस्तक के बाद मरीजों की दिन-प्रतिदिन तेजी से बढ़ती संख्या अब डराने लगी है। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली में आज कोरोना के करीब 17,000 मामले आने की आशंका है और संक्रमण दर 17 प्रतिशत के आसपास रह सकती है। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सबसे पहले संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई क्योंकि ज्यादातर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें राजधानी में आती हैं। जैन ने कहा कि इसलिए हमने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए अन्य राज्यों की तुलना में सख्त कदम लागू किए हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि इसकी आवश्यकता नहीं है, लेकिन बाद में पछताने से यह बेहतर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट को ''हल्का'' बताए जाने के संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केवल विशेषज्ञ ही यह बता पाएंगे कि यह हल्का है या नहीं। उन्होंने कहा कि मैं आपको आंकड़े दे सकता हूं, जो मेरे पास हैं। दिल्ली में करीब 31,498 एक्टिव केस हैं और अस्पतालों में केवल 1,091 मरीजों का इलाज चल रहा है। पिछली बार इतने ही मामले थे तो अस्पतालों में करीब 7,000 मरीज भर्ती थे। 
 

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