
भोपाल/सीहोर। संसदीय बोर्ड से हटाए जाने के बाद मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लेकर कई तरह की चर्चाओं का दौर चल रहा है। राजनीतिक पंडित जहां उनके राजनीतिक कैरियर को लेकर चर्चा कर रहे हैं तो वही अब मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर भी चर्चाएं होने लगी है। इन सब चर्चाओं के बीच में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक निजी चैनल के कार्यक्रम में पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वे भारतीय जनता पार्टी के एक समर्पित कार्यकर्ता हैं और पार्टी यदि कहेगी कि दरी बिछाना है तो वह दरी बिछाने का काम भी करेंगे। उन्होंने साफ तौर पर ये कहा है कि हम भाजपा के समर्पित कार्यकर्ता हैं। मुझे कोई अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। पार्टी दरी बिछाने को कहेगी तो शिवराज सिंह चौहान राष्ट्र के पुनर्निर्माण में दरी भी बिछाने का काम करेगा। बीते 17 अगस्त को ही संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन हुआ है। इसमें इस बार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इसमें शामिल नहीं किया गया है। इसके बाद उन्होंने पहली बार अपनी प्रतिक्रिया दी और राजनीतिक पंडितों एवं विश्लेषकों के लगाए जा रहे कई कयासों को साफ कर दिया है। इस प्रतिक्रिया की आड़ में सीएम शिवराज ने अपने कई विरोधियों को भी करारा जवाब दे दिया है। दरअसल सीएम शिवराज ने प्रतिक्रिया के माध्यम से अपने कई विरोधियों को करारा जवाब देते हुए ये कहा कि हम पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता हैं और एक बड़े लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ता के लिए वो तय करती है कि आपको क्या काम करना है। एक टीम है जो यह तय करती है। जिस प्रकार मध्यप्रदेश में हम तय करते हैं कि कौन क्या काम करेगा। चौहान ने ये कहा कि मुझे कोई अहम नहीं है कि मैं ही योग्य हूं। मैं तो पार्टी का आभारी हूं। मुझे इतने सालों में कई काम दिए। पार्टी मुझे जो भी काम देगी वो करूंगा। पार्टी बोलेगी कि गांव में रहो तो वही रहूंगा। सीएम ने कहा कि भाजपा एक विशाल परिवार है। अनेक योग्य व्यक्ति है इसमें। यह तो प्रवाह है, आगे बढ़ते हैं। कोई इस प्रवाह से बाहर हो जाता है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने कहा था कि कर्म करो फल की चिंता मत करो। सीएम शिवराज ने प्रतिक्रिया देते हुए ये कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को मैं बधाई देता हूं कि इसमें पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण पूरा देश इसमें शामिल है। रिजनल बैलेंस बनाया, एक से एक योग्य कार्यकर्ता सम्मिलित किए गए हैं। बीते 17 अगस्त को संसदीय बोर्ड का पुनर्गठन कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी जैसे दिग्गजों को बाहर कर दिया गया था। ये दोनों दिग्गज बीते 9 साल से संसदीय बोर्ड के सदस्य रहे हैं। इस पुनर्गठन में मध्यप्रदेश के ही दलित नेता सत्यनारायण जटिया को जगह मिली है। जटिया 7 बार के सांसद और संघ के करीबी माने जाते हैं।