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काशी के कोतवाल “बाबा कालभैरव” ने पहनी पुलिस की वर्दी

वाराणसी

 धार्मिक नगरी वाराणसी में पहली बार 'काशी के कोतवाल' कहे जाने वाले बाबा काल भैरव ने पुलिस की वर्दी पहनी है। बाबा कालभैरव के सिर पर एक पुलिस टोपी, छाती पर एक बिल्ला, बाएं हाथ में एक चांदी का डंडा और दाहिने हाथ में एक रजिस्टर के साथ भगवान काल भैरव को पुलिस की वर्दी में सजाया गया है। भगवान काल भैरव के इस रूप को देखने के लिए मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।

भक्तों की आस्था, अनसुनी नहीं होगी शिकायत

भक्तों को मानना है कि अगर बाबा रजिस्टर और कलम के साथ बैठे हैं, तो किसी की शिकायत अनसुनी नहीं होगी।" उन्होंने कहा कि वह महामारी संकट का भी "ध्यान रखेंगे"। बाबा काल भैरव मंदिर के महंत अनिल दुबे ने कहा कि पहली बार भगवान काल भैरव को पुलिस की वर्दी पहनाई गई है और इस कारण से श्रद्धालुओं में भी भगवान काल भैरव को इस रूप में देखने को लेकर उत्सुकता है।

 

कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए विशेष पूजा अर्चना

महंत अनिल दुबे ने बताया कि देश की जनता को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए वाराणसी के ख्यात काल भैरव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की गई है। बाबा से सभी पर दया करने की प्रार्थना की गई है…प्रदेश और देश में सुख-समृद्धि बनी रहे। लोग स्वस्थ रहें और किसी को भी किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

भक्तों का मानना ​​है कि काल भैरव के कई रूप हैं और पुलिस वाले के रूप में अपने अवतार में वह उन सभी को दंडित करेंगे जो गलत करते हैं। एक भक्त प्रेमकांत तिवारी ने कहा कि बाबा काल भैरव काशी के कोतवाल हैं और अब जब उन्होंने वर्दी भी पहन ली है तो गलत काम करने वालों की खैर नहीं है।

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