राज्य

बेमौसम बारिश से हुई फसल क्षति का आंकलन करने के दिए निर्देश

बेमेतरा
पश्चिमी विक्षोप के कारण जिले मे दो तीन दिनों से हो रही बैमौसम बारिश से फसल की हुई क्षति का आंकलन कर संबंधित किसानों को मदद पहुचायी जाएगी। इसके लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना एवं राजस्व पुस्तिक परिपत्र (आर.बी.सी.) 6-4 के तहत किसानों को लाभ दिलाया जायेगा। मुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री के निर्देश पर कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान ने कल शाम कलेक्टोरेट सभाकक्ष मे राजस्व, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर फसल क्षति का आंकलन करने का निर्देश अधिकारियों को दिए।

बेमौसम बारिश के कारण होने वाली फसल क्षति से किसानों को कैसे बेहतर आर्थिक मदद दी जा सकती है कृषि विभाग  द्वारा जानकारी दी गयी कि उनके द्वारा जिले में 68 हजार  किसानों की रबी फसल का बीमा किया गया है, जबकि उद्यानिकी विभाग द्वारा 500 हेक्टेयर का साग सब्जी फलों का बीमा किया गया है। किसानों को 3 तरह की राहत राशि दी जा सकती है। कृषि विभाग द्वारा फसल बीमा से जो। एग्रीकल्चर इन्सोरेंस कम्पनी द्वारा दिया जावेगा जिसका आकलन ''ग्राम ईकाईझ्झ् में हुई क्षति के आधार पर किया जाता है। राजस्व विभाग द्वारा आरबीसी 6(4) से जिसका भुगतान कृषक को हुई व्यक्तिगत क्षति के आधार पर बोई गई फसल का 33 प्रतिशत से अधिक क्षति होने पर देय होता है। इसके अंतर्गत पशु, मकान एवं जन हानि भी शामिल है। उद्यानिकी विभाग द्वारा उद्यानिकी बीमा, बजाज एलायंस  कंपनी द्वारा कृषको को बेमौसम वर्षा से हुई क्षति के आकलन के लिए इन तीनों विभागों के बीच समन्वय अति आवश्यक है। यही कलेक्टर द्वारा ली गयी बैठक का मुख्य विषय था। कलेक्टर ने कृषको को अधिकतम आर्थिक सहायता दिए जाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ है और बेहद गंभीरता से सोचते भी हैं।

जिलाधीश द्वारा बुधवार 12 जनवरी से पटवारियों एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों की संयुक्त टीम द्वारा स्थल निरीक्षण कर क्षति का आंकलन कर वास्तविक रिपोर्ट दिए जाने का निर्देश सभी अनुविभागीय अधिकारियों एवं वरिष्ठ कृषि विकस अधिकारी को दिया गया। प्रतिदिन की रिपोर्ट की समीक्षा कलेक्टर द्वारा स्वयं दिन प्रतिदिन की जाएगी। जिलाधीश के लिए कृषकों का हित सर्वोपरि है। इस संबंध में आवश्यक आदेश एवं फॉरमेट उपलब्ध करा दिया जावेगा।जिसकी प्रविष्टि आरएईओ एवं पटवारी द्वारा संयुक्त रूप से होगी। अत: आप सभी आरएईओ के साथ संयुक्त स्थल निरीक्षण कर बेहद गंभीरता से कृषकवार हुई क्षति की जानकारी प्रस्तुत करें। ध्यान रखे की रिपोर्ट दैनिक दी जानी है। प्रतिदिन किये गए कार्य की जानकारी प्रतिदिन।अपने हल्के से संबंधित आरएईओ से तुरंत संपर्क कर शीघ्र सर्वे का कार्य प्रारंभ करें।

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