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सुकन्या समृद्धि योजना जैसी छोटी बचत पर ऊंचा ब्याज तीन माह और मिलेगा

नई दिल्ली।

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ), किसान विकास पत्र, राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) और डाकघर की आरडी समेत अन्य छोटी बचत योजनाओं पर मौजूदा ब्याज दरें 30 जून तक लागू रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को छोटी बचत योजनाओं की दरें जून तिमाही तक स्थिर रखने का फैसला किया है। आशंका जताई जा रही थी कि कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) पर ब्याज दरें घटने के बाद छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी कटौती हो सकती है। सरकार के इस ताजा फैसले से करोड़ों निवेशकों को राहत मिली है। इसमें सेवानिवृत्ति के बाद ब्याज की कमाई पर निर्भर वरिष्ठ नागरिकों के साथ बचत की शुरुआत के लिए इन योजनाओं को सुरक्षित समझकर निवेश करने वाले युवा निवेशक भी शामिल हैं।

छोटी बचत की योजनाओं में सुकन्या समृद्धि योजना भी है, जो सिर्फ बेटियों के लिए है। इसपर मौजूदा ब्याज दर 7.6 फीसदी है। 10 साल से कम उम्र की बेटियों के लिए सुकन्या खाता खोला जा सकता है। इसी तरह वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (सीसीएसएस) भी है, जिसपर मौजूदा ब्याज दर 7.4 फीसदी है। इसके अलावा मासिक आय योजना (एमआईएस) भी छोटी बचत में शामिल है जिसपर वर्तमान समय में 6.6 फीसदी ब्याज मिल रहा है।
 
सरकार ने पिछले दिनों कर्मचारी भविष्य निधि यानी ईपीएफ पर ब्याज दर को घटाकर 8.1 फीसदी कर दिया। ईपीएफ पर मिलने वाला यह ब्याज 40 साल में सबसे कम है। ईपीएफ के करीब 6.5 करोड़ अंशधारक हैं। इसपर ब्याज घटने से इसके अंशधारकों को नुकसान होता है। इसके अलावा इसमें दरों में कमी से छोटी बचत की योजनाओं में भी ब्याज दरें घटाने का दबाव सरकार पर बढ़ रहा है।

एफडी पर ब्याज दो दशक में सबसे कम
सावधि जमा यानी एफडी आम लोगों के बीच सबसे लोकप्रिय निवेश है। लेकिन मौजूदा समय में डाकघर में इसकी दरें 5.5 फीसदी से 6.7 फीसदी हैं। आंकड़ों के मुताबिक एफडी पर यह दरें पिछले 20 साल यानी दो दशक के निचले स्तर पर हैं। इसकी वजह से आम लोगों के पास निवेश के बहुत ज्यादा विकल्प नहीं हैं, जिसमें ऊंचा ब्याज हासिल कर सकें।

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