बीजापुर DMF में नान से बड़ा घोटाला, अमित जोगी ने की ईडी, सीबीआई से जांच की मांग…
बुधवार को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के नेतृत्व जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट घेरने पहुंचे। उन्हें कलेक्ट्रेट पहले ही बेरिकेट्स लगाकर रोक दिया गया। कुछ देर जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते रहे फिर अचानक नारेबाजी करते हुए बेरिकेट्स लांघकर अंदर की तरह पहुंच गए।
पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्ट्रेट घेराव करने पहुंचे जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने बीजापुर में डीएमएफ मद में घोटाले किये जाने का सनसनीखेज आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा कि वे सीबीआई व ईडी से इसकी जांच की मांग करेंगे।
बुधवार को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी के नेतृत्व जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट घेरने निकले थे। उन्हें कलेक्ट्रेट पहले ही बेरिकेट्स लगाकर रोक दिया गया। कुछ देर जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता प्रदर्शन करते रहे फिर अचानक नारेबाजी करते हुए बेरिकेट्स लांघकर अंदर की तरह पहुंच गए। इसी बीच पुलिस जवानों और जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के में थोड़ी झड़प भी हुई। अमित जोगी ने शासन प्रशासन पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने बीजापुर में डीएमएफ मद में नान से बड़ा घोटाला किए जाने का आरोप लगाया हैं। उन्होंने कहा कि बीजापुर जिले को हर वर्ष 700 करोड़ रुपये डीएमएफ मद प्राप्त हैं। लेकिन यह राशि को विकास में खर्च न कर सिर्फ लुटा जा रहा हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले बीस सालों में करीब 14 हजार करोड़ रुपये का घोटाला डीएमएफ में किया गया है। वे अब जल्द ही इसकी शिकाउत सीबीआई व ईडी से कर जांच की मांग करेंगे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भूपेश सरकार ने बेरोजगारी भत्ता के नाम पर बेरोजगारों को धोखा दिया, पेंशन के नाम पर बुजुर्गों को धोखा दिया, आवास के नाम पर बेघरों को धोखा दिया, शराबबंदी के नाम महिलाओं को धोखा दिया। वहीं अमित जोगी ने स्थानीय विधायक पर भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया हैं। वहीं कर्मचारियों के नियमितीकरण पर कहा कि जब भूपेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री नियमितीकरण नहीं हो रहा है तो कर्मचारियों का कैसे होगा।
अमित जोगी ने सिलगेर गोलीकांड को लेकर कहा कि जब सारकेगुड़ा एडसमेटा गोलीकांड की जांच हो सकती तो फिर सिलगेर घटना की जांच क्यों नहीं..? जोगी ने कहा कि सीएम भूपेश बघेल जब लखीमपुर जाकर वहां के पीड़ितों को मुआवजा बांट सकते हैं, तो सिलगेर में मारे गए आदिवासियों परिवार को मुआवजा देने में देर किस बात की हो रही है। उन्होंने कहा कि यहां भ्रष्टाचार कर भ्रष्टाचारी खूब मलाई खा रहे है और यहां के आदिवासियों को पेज भी नसीब नहीं हो रहा हैं। इसी के चलते बस्तरवासी पलायन कर रहे हैं।