छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का 6 अक्टूबर से आगाज

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने और प्रोत्साहित करने की पहल की थी। उनका कहना है कि इससे जहां प्रतिभागियों को एक मंच मिलेगा, वहीं खेलों के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और खेल भावना का विकास होगा। इस संबंध में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक को लेकर राज्य सरकार ने तिथि की घोषणा कर दी है। करीब 3  माह तक चलने वाले इन खेलों का आयोजन 6 अक्टूबर 2022 से होगा। ग्रामीण परिवेश से जुड़े इन खेलों को लेकर संभवत: देश में पहली बार इतना बड़ा आयोजन होने जा रहा है।  इसमें गिल्ली-डंडा, कंचा, गेड़ी दौड़ सहित 14 तरह के पारंपरिक खेल होंगे। 

इस ओलंपिक में छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेलों को दो श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें खेल के लिहाज से एकल और दलीय श्रेणी में होंगे। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में जिन खेलों को शामिल किया गया है, उनमें दलीय श्रेणी में गिल्ली-डंडा, पिट्टूल, संखली, लंगड़ी दौड़, कबड्डी, खो-खो, रस्साकसी और बांटी (कंचा) शामिल हैं। वहीं एकल श्रेणी में बिल्लस, फुगड़ी, गेड़ी दौड़, भंवरा, 100 मीटर दौड़ और लंबी कूद जैसे खेलों को शामिल किया गया है। 

 छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में छह स्तर निर्धारित किए गए हैं। इन स्तरों के अनुसार ही खेल प्रतियोगिता के चरण होंगे। इसमें गांव में सबसे पहला स्तर राजीव युवा मितान क्लब का होगा। वहीं दूसरा स्तर जोन है, जिसमें 8 राजीव युवा मितान क्लब को मिलाकर एक क्लब बनाया जाएगा। फिर विकासखंड/नगरीय क्लस्टर स्तर, जिला, संभाग और अंतिम में राज्य स्तर खेल प्रतियोगिताएं होंगी। छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में सबसे पहले राजीव युवा मितान क्लब स्तर के आयोजन 6 अक्टूबर से 11 अक्टूबर तक होंगे। वहीं जोन स्तर के 15 से 20 अक्टूबर तक खेले जाएंगे। विकासखंड स्तर पर 27 अक्टूबर से 10 नवंबर, जिला स्तर पर 17 से 26 नवंबर, संभाग स्तर पर 5 दिसंबर से 14 दिसंबर और राज्य स्तर पर अंतिम चरण में 28 दिसंबर से 6 जनवरी तक खेला जाएगा।

छत्तीसगढ़िया ओलंपिक में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक हिस्सा ले सकेंगे। इसके लिए प्रतियोगिता को तीन वर्गों में बांटा गया है। पहले वर्ग में 18 साल तक, दूसरे में 18 से 40 और तीसरे वर्ग में 40 से अधिक उम्र के लोग शामिल हो सकेंगे। प्रतियोगिता में महिला और पुरुष दोनों वर्ग में प्रतिभागी होंगे। खेल एवं युवा कल्याण विभाग ने इसकी कार्ययोजना बनाई और  आयोजन की जिम्मेदारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग को सौंपी गई है। 

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