छत्तीसगढ़

पहले दिन पारंपरिक लोक संगीत की धुन पर झूमे लोग, कलेक्टर जनमेजय के गीत ने बांधा समां…

भोरमदेव महोत्सव के दो दिनों तक मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की तैयारियों के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन दो दिनो में मंदिर में शिव की विशेष श्रृंगार, भस्म आरती और रूद्राभिषेक होगा। प्राचीन सरोवर में दीप दान भी होंगे।

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में दो दिवसीय भोरमदेव महोत्सव का रविवार देर शाम से आगाज हो गया। पहले दिन देश-विदेश से आए नामचीन कलाकारों ने अलग-अलग विधाओं में महोत्सव में समां बांध दिया। पारंपरिक लोग संगीत की धुनों के अलावा कव्वाली और भजनों पर लोग झूमते रहे। इस दौरान सबसे खास रही जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे की गीत प्रस्तुति। बॉलीवुड गायक जाकिर हुसैन के आग्रह पर उन्होंने अपने चिरपरिचित अंदाज में याराना फ़िल्म का गाना 'भोले… ' गाया तो लोग झूमने लगे। 

महोत्सव का आगाज वैदिक मंत्रोच्चार और दीप प्रज्जवल के साथ हुआ। जिले के प्रमुख मंदिरों के पुजारियों ने इस रस्म का विधिवत पालन कर 17वें भोरमदेव महोत्सव का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ की सुप्रसिद्ध पंडवानी लोक गायिका ऋतु वर्मा ने शानदार प्रस्तुति देकर मंच का मान बढ़ाया। बालीवुड गायक जाकिर हुसैन ने सुपरहिट गीतों की प्रस्तुति दी। साथ ही भजन और कव्वाली भी गाई। छत्तीसगढ़ के सिने स्टार सुनील तिवारी ने लोक पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति देकर प्रदेश की कला और संस्कृति की बखूबी प्रस्तुति दी। 

महोत्सव के उद्घाटन अवसर पर पंडरिया विधायक ममता चंद्राकर, कवर्धा नपा अध्यक्ष ऋषि शर्मा सहित अन्य जनप्रतिनि विशेष रूप से मौजूद थे। कलेक्टर जनमेजय महोबे ने सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। भोरमदेव महोत्सव के दो दिनों तक मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की तैयारियों के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। इन दो दिनो में मंदिर में शिव की विशेष श्रृंगार, भस्म आरती और रूद्राभिषेक होगा। प्राचीन सरोवर में दीप दान भी होंगे।
दूसरे दिन 20 मार्च को समापन आयोजन में जिले के स्कूली बच्चों का कार्यक्रम, डॉ. नीता राजेन्द्र सिंह, खैरागढ़ कत्थक नृत्य,  गुरूदास मानिकपुरी, बोड़ला छत्तीसगढ़ी लोक संगीत, सुश्री अंशिका चौहान, भाटापारा सुगम संगीत, पंडित गोलू दिवाना, दुल्लापुर कवर्धा लोक संगीत, इशिता विश्वकर्मा एवं ग्रुप, मुम्बई सारेगामापा विजेता, बॉलीवुड फेम सिंगर कार्यक्रम की प्रस्तुति देंगी। इसके अलावा अल्का चंद्राकर, रायपुर छत्तीसगढ़ी लोकगीत की महफिल से महोत्सव का मंच सजेगा। 

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