विदेश

अमेरिका ने लगाया संगीन आरोप – पश्चिम की जासूसी के लिए यूनिवर्सिटी स्‍टूडेंट्स को भर्ती कर रहा चीन

बीजिंग
पश्चिमी देशों के ठिकानों की जासूसी करने के अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के आरोपों के बीच एक चीनी प्रौद्योगिकी कंपनी हैनन जियांडुन इन दिनों चीनी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अंग्रेजी अनुवादक के रूप में भर्ती कर रही है। इसके साथ ही अमेरिका के फेडरल ब्यूरो आफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआइ) द्वारा ऐसी गतिविधियों के लिए दोषी ठहराए जाने के बाद भी चीनी खुफिया एजेंसियों के संदिग्ध लिंक वाले हैकर साइबर जासूसी के लिए नए रूगरूटों की भर्ती के लिए विज्ञापन दे रहे हैं। हांगकांग पोस्ट की रिपोर्ट में अमेरिका के 2021 के संघीय अभियोग के हवाले से बताया गया है कि चीनी विद्यार्थियों को लालच देकर ये भर्तियां पश्चिमी देशों से चुराए गए अहम सरकारी दस्तावेजों का अनुवाद करने के लिए की जा रही हैं। एएनआई के मुताबिक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हैनान, सिचुआन और जियान के पब्लिक कालेजों से हाल ही में अंग्रेजी में स्नातक कर निकले लगभग 140 संभावित अनुवादकों को इस काम के लिए चुना गया है।

इस रिपोर्ट की अहमियत इस लिहाज से बेहद खास हो गई है क्‍योंकि शनिवार को ही चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की मुलाकात इंडोनेशिया में जी-20 देशों के विदेश मंत्री सम्‍मेलन से इतर हुइ थी। इस दौरान दोनों के बीच हुई बैठक में आपसी रिश्‍तों को सुधारने और आने वाले दिनों में राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग और राष्‍ट्रपति जो बाइडन के बीच फोन पर बात कराने का भी रोडमैप तैयार करने की बात कही गई थी।  हालांकि बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय से जारी बयान में कई ऐसी बातें कही गई थी, जो दोनों देशों के रिश्‍तों पर पड़ी धूल को हटाने में नाकामयाब दिखाई दे रही थी। इस बयान में अमेरिका को ताइवान का समर्थन न करने और इस मामले से दूर रहने की सख्‍त हिदायत दी गई थी। चीन और अमेरिका के विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस और यूक्रेन पर भी बात हुई थी। 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button