विदेश

मध्य मई तक यूक्रेन के हो जाएंगे कई टुकड़े, अमेरिका ने अब कबूला, पूर्वी यूक्रेन को रूस बनाएगा नया देश

वॉशिंगटन
यूक्रेन युद्ध का आज 69वां दिन है और भीषण तबाही के बाद आखिरकार रूस को युद्ध में पहली बार निर्णायक जीत मिलती दिख रही है और अमेरिका ने भी पहली बार माना है, कि यूक्रेन के बहुत जल्द कई टुकड़े हो जाएंगे। अमेरिका के एक वरिष्ठ अधिकारी ने माना है कि, संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना है कि रूस इस महीने पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से को यूक्रेन से अलग कर देगा। अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि, मई के मध्य तक रूस पूर्वी यूक्रेन को अलग करने की योजना बना रहा है और उन क्षेत्रों को अलग गणराज्य के तौर पर मान्यता दे सकता है।

 
अमेरिकी अधिकारी ने क्या कहा?
यूरोप में सुरक्षा और सहयोग संगठन के अमेरिकी राजदूत माइकल कारपेंटर ने सोमवार को कहा कि क्रेमलिन की 'खेल की किताबों' में काफी सारी संदिग्ध गतिविधियां भरी पड़ी हैं, लेकिन अमेरिका और उसके सहयोगी रूस की इस संदिग्ध हरकत को मान्यता नहीं देगें। कारपेंटर ने कहा कि अमेरिका और हमारे कुछ सहयोगियों के पास जानकारी है कि रूस तथाकथित डोनेट्स्क और लुहान्स्क "पीपुल्स रिपब्लिक" में दिखावे के लिए " जनमत संग्रह" की योजना बना रहा है, जिसके जरिए रूस खुद को इनसे जोड़ लेगा। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे संकेत हैं कि रूस खेरसॉन शहर में भी स्वतंत्रता के लिए वोटिंग करवाने की योजना बना रहा है।
 
चनाव के जरिए तोड़ने की कोशिश
अमेरिकी अधिकारी कारपेंटर ने कहा कि, 'हम मानते हैं कि क्रेमलिन लोकतांत्रिक या चुनावी वैधता का एक लिबास ओढ़ने की कोशिश करने के लिए नकली जनमत संग्रह कराने की कोशिश कर सकता है और यह क्रेमलिन की प्लेबुक का एक हिस्सा है'। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, मध्य मई तक रूस पूर्वी यूक्रेन में वोटिंग करवा सकता है। आपको बता दें कि, पूर्वी यूक्रेन के एक बड़े हिस्से में रूस समर्थित अलगाववादी नेता रहते हैं, जो रूस का समर्थन करते हैं और रूस की कोशिश पूर्वी यूक्रेन को मुख्य यूक्रेन से काटकर अलग कर देने की और फिर उन्हें नये नये देश बना देने की है, जहां रूस समर्थित सरकार होगी। रूस ने युद्ध की शुरूआत ही डोनेत्स्क और लुहान्स्क को अलग और स्वतंत्र राज्य की मान्यता देकर की थी, ताकि वो यूनाइटेड नेशंस की कार्रवाईयों से बच सके।
 
‘सिर्फ नाम का होगा जनमत संग्रह’
अमेरिकी अधिकारी ने कहा कि, अमेरिका कभी भी इस तरह के दिखावटी जनमत संग्रह और मनगढ़ंत वोटों को वैध नहीं मानेगा और न ही अतिरिक्त यूक्रेनी क्षेत्र पर कब्जा करने के किसी प्रयास को मान्यता देगा। अमेरिकी अधिकारी कारपेंटर ने हालांकि इस बात की पूरी जानकारी नहीं दी, कि पूर्वी यूक्रेन में रूस ने कितने ज्यादा क्षेत्रों पर कब्जा जमा लिया है, जबकि रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणी यूक्रेन में ज्यादातर हिस्सों पर रूसी सैनिकों का पूरी तरह से नियंत्रण हो चुका है। वहीं, अमेरिकी अधिकारी ने आरोप लगाया है कि, जिन शहरों पर रूस का नियंत्रण स्थापित हो गया है, वहां के स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों को अगवा कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि, स्थानीय महापौरों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों का अपहरण कर लिया गया है और उन क्षेत्रों में इंटरनेट पूरी तरह से बंद है। इसके साथ ही उन क्षेत्रों की स्कूली किताबों में रूसी स्कूलों के पाठ्यक्रम लागू होंगे।
 
रूस के खिलाफ लगेंगे नये प्रतिबंध
वहीं, पूर्वी यूक्रेन को अलग करने की कोशिश में लगे रूस के खिलाफ यूरोपीय संघ बहुत जल्द नये प्रतिबंधों का ऐलान कर सकता है है। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों की परिषद (एफएसी) की अगली बैठक में प्रतिबंधों के छठे पैकेज की घोषणा किए जाने की उम्मीद है और ब्लॉक के मुख्य राजनयिक ने इसकी पुष्टि की है। माना जा रहा है कि, प्रतिबंधों के नये पैकेज में यूरोपीय संघ रूस से कच्चे तेल के आयात पर संभावित प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि, इसके लिए यूरोपीय देशों के बीच मतभेद शुरू हो चुकी है। एफएसी बैठकों की अध्यक्षता करने वाले जोसेप बोरेल ने पनामा शहर में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यूरोपीय संघ "इन आयातों को महत्वपूर्ण रूप से सीमित करने के उपाय" करने में सक्षम होगा, लेकिन उन्होंने स्वीकार किया, कि अभी तक सभी सदस्यों के बीच इस मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हुआ है।

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