केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए जारी की एडवाइजरी, रूसी सैनिकों को देखकर भागे नहीं
कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध का 4 मार्च को 9वां दिन है। यूक्रेन में अभी भी 1700 छात्र फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के इंतजाम किए जा रहे हैं। इस बीच एक छात्र गोली लगने से घायल हो गया। केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए एडवाइजरी जारी की है, ताकि खतरे की स्थित में वे अपनी जान बचा सकें। आखिर क्यों मारी गई छात्र को गोली..?
यूक्रेन की राजधानी कीव में एक भारतीय छात्र रूसी सैनिकों की गोलीबारी में घायल हो गया। यूक्रेन के पड़ोसी देश पोलैंड में मौजूद केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वीके सिंह ने बताया कि खबर मिली कि कीव से आ रहे एक छात्र को गोली लगी है। उसे बीच रास्ते से ही वापस कीव ले जाया गया है। सिंह के मुताबिक, सरकार कम से कम नुकसान में ज़्यादा से ज़्यादा बच्चों को निकालने की कोशिश कर रही है। बताया जाता है कि यह छात्र कीव से भागने की कोशिश कर रहा था, तभी वो रूसी सैनिकों की गोलीबारी में घायल हो गया। हालांकि उसकी हालात ठीक है। यह घटना 4 दिन पहले हुई थी। घायल छात्र का नाम हरजोत सिंह है। वह कार से कीव की तरफ जा रहा था। हरजोत के मुताबिक, उसे कंधे और सीने में गोली लगी थी। उसके पैर में भी फ्रैक्चर हो गया है।
1700 से छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं
वीके सिंह ने बताया कि करीब 1700 छात्र अभी भी यूक्रेन में फंसे हैं, जिनकी सुरक्षित निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं। बता दें कि मंगलवार को खार्किव शहर में कर्नाटक के रहने वाले 21 वर्षीय छात्र नवीन शेखरप्पा की गोली लगने से मौत हो गई थी। नवीन ट्रेन के जरिये शहर छोड़ने से पहले खाने-पीने की चीजें खरीदने एक किराना दुकान के बाहर लाइन में लगा था। मंत्रालय के अनुसार अब तक 6000 से अधिक छात्रों सहित 17000 भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकाला जा चुका है। युद्ध छिड़ने से पहले यूक्रेन में करीब 20000 भारतीय मौजूद थे। केंद्र सरकार ने इनकी सुरक्षित स्वदेश वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत निकासी उड़ानें चलाई हैं।
220 छात्र और निकाले गए
इस बीच केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने सोशल मीडिया KOO पर कहा कि आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि आज की तीसरी उड़ान पोलैंड के रेज़ज़ो हवाई अड्डे से 220 और #IndianStudents को लेकर भारत के लिए रवाना हुई है। उन सब से बात करते हुए, अपनी कुछ कहानियों को साझा करते हुए, कुछ बंधन स्वाभाविक रूप से बन गए। जल्द ही मिलते हैं दोस्तों। अपना ध्यान रखना।