विदेश

नवाज शरीफ की वापसी का ‘डर’ इमरान खान को आज भी सताता है

इस्लामाबाद
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को आज भी अपने पूर्व राष्ट्राध्यक्ष की वापसी का डर सताते रहता है। पाकिस्तानी पीएम ने गुरुवार को संकेत दिया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-एन (पीएमएल-एन) के सुप्रीमो नवाज शरीफ मुद्दे पर पहले "गुप्त सौदा" किए बिना देश नहीं लौटेंगे। संसद भवन के गलियारों में कुछ पत्रकारों से बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, "वह एक सौदे के तहत 2007 में सऊदी अरब से देश लौटे थे।" जब उनसे उन रिपोर्टों के बारे में पूछा गया कि नवाज शरीफ जल्द ही देश लौट सकते हैं, तो इमरान खान ने कहा, "जब वह सऊदी अरब गए थे, तो हम सुनते थे कि वह आज-कल में आ रहे हैं।"

इमरान के गृह मंत्री ने कही थी टिकट के पैसे देने की बात
इससे पहले पाकिस्तान के गृह मंत्री राशीद अहमद खान से जब पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की संभावित वापसी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उनके लौटने की बातें बेमतलब की हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष मीडिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए ऐसे मनगढंत किस्से रच रहा है।  उन्होंने कहा कि पाकिस्तान लौटने का एक तरफ का टिकट देने का उनका प्रस्ताव आज भी जिंदा है।

नवाज शरीफ ने 2019 में छोड़ा था पाकिस्तान
आपको बता दें कि पाकिस्तान की एक अदालत ने नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में जेल की सजा सुनाई थी। इसके बाद लाहौर हाईकोर्ट ने उन्हें 2019 में चिकित्सकीय आधार पर चार सप्ताह के लिए लंदन जाने की इजाजत दी थी। हालांकि, इसके बाद नवाज शरीफ वापस पाकिस्तान नहीं लौटे हैं। नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ के भाषणों के संबंध में एक सवाल के जवाब में प्रधानमंत्री ने कहा, "शहबाज शरीफ का भाषण नौकरी के उनके आवेदन की तरह है।" इमरान ने कहा कि उनकी सरकार अपने मामलों को अच्छी तरह से देख रही है और विपक्ष से कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, 'सरकार संकट में नहीं है।''

पार्टी चुनाव पर क्या बोले इमरान?
प्रधानमंत्री इमरान खाने ने पीटीआई की केंद्रीय कार्यकारी समिति (सीईसी) की एक बैठक की भी अध्यक्षता की। बैठक में तय हुआ कि पार्टी 2022 में अपने 2015 के थोड़े संशोधित संविधान के तहत चुनाव कराएगी। सूचना मंत्री ने डॉन को बताया कि बैठक में पार्टी के संविधान के निर्माण के लिए हाल ही में गठित 21 सदस्यीय समिति को पार्टी का सीईसी घोषित किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी 2015 के अपने संविधान में मामूली बदलाव करेगी जिसके बाद चुनाव कराए जाएंगे।

 

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