विदेश

इमरान खान ने एक बार‍ फिर से दिखा दिया कि उन्‍हें ‘कप्‍तान’ क्‍यों कहा जाता है

 

इस्‍लामाबाद। क्रिकेट के मैदान में धुरंधर बल्‍लेबाजों को बोल्‍ड करने वाले पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार‍ फिर से दिखा दिया कि उन्‍हें 'कप्‍तान' क्‍यों कहा जाता है। इमरान खान ने एकजुट विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव अपनी एक चाल से फेल कर दिया। विपक्ष ने उम्‍मीद लगा रखी थी कि इमरान संसद में हार जाएंगे और उनकी जगह पर हम अगले डेढ़ साल तक सत्‍ता में रहेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। स्‍पीकर ने केवल विपक्ष के अविश्‍वास प्रस्‍ताव को खारिज कर दिया बल्कि इमरान खान ने संसद को भंग करने की सिफारिश कर दी जिसे राष्‍ट्रपति ने स्‍वीकार कर लिया है। पाकिस्‍तान में अब 90 दिन में चुनाव होंगे। इमरान खान से इस दांव से विपक्ष बुरी तरह से फंस गया है। आइए समझते हैं पूरा मामला…..

पाकिस्‍तान पर नजर रखने वाले विश्‍लेषकों का मानना है कि इमरान खान ने अपने इस दांव से खुद को पीड़‍ित दिखाने की कोशिश की है। इमरान सरकार के कानून मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि विपक्ष के अश्विश्‍वास प्रस्‍ताव के पीछे विदेशी साजिश है जिसे नैशनल असेंबली के स्‍पीकर ने भी स्‍वीकार कर लिया। इस तरह से इमरान खान सरकार ने यह दिखाने की कोशिश की कि उन्‍हें हटाने के लिए विदेशी साजिश की जा रही है और जनता उनका साथ दे। अब जब चुनाव का ऐलान हो गया है तो इमरान सरकार इस पूरे मुद्दे को जमकर भुनाने की कोशिश करेगी। अमेरिका का विरोध करके इमरान खान जनता खासकर कट्टरपंथी गुटों जैसे टीएलपी का समर्थन हासिल करने की कोशिश करेंगे। इन पाकिस्‍तानी कट्टरपंथी गुटों के सामने सेना की भी नहीं चलती है।
 

आम चुनाव से विपक्ष की एकता हो सकती है खंड‍ित
इमरान की आम चुनाव में उतरने की चाल विपक्षी एकता खंडित हो सकती है। नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल एन और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पार्टी पीपीपी राजनीतिक रूप से धुर विरोधी रही हैं। बिलावल कई मुद्दों पर खुलकर नवाज शरीफ की बेटी मरियम से अलग बयान दे चुके हैं। आम चुनाव से अब इन दोनों के बीच मतभेद सामने आ सकते हैं। दोनों के बीच चुनाव में सीटों के बंटवारे और सिंध तथा पंजाब प्रांतों में सत्‍ता के बंटवारों को लेकर विवाद बढ़ सकता है। इसके अलावा अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इसके लिए भी अब शाहबाज शरीफ की राह आसान होती नहीं दिख रही है। इसके अलावा राष्‍ट्रपति पद को लेकर भी खींचतान हो सकती है। कुल मिलाकर कहें तो पाकिस्‍तान के खिचड़ी गठबंधन में फूट पड़ सकती है।

फायदे में नवाज शरीफ की पार्टी, बिलावल को झटका
पाकिस्‍तान में चल रहे इस शह और मात के खेल में नवाज शरीफ की पार्टी को बड़ा फायदा होता दिख रहा है। इमरान खान की पार्टी के बाद नवाज शरीफ की पार्टी दूसरे नंबर पर है। अगर चुनाव होते हैं तो नवाज की पार्टी पीएमएल एन के ज्‍यादा अच्‍छा प्रदर्शन करने की उम्‍मीद है। यही नहीं नवाज शरीफ के हाथ में एक बार फिर से पाकिस्‍तान के सबसे शक्तिशाली सूबे पंजाब की सत्‍ता हाथ में आ सकती है। पाकिस्‍तान में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे चल रहे शाहबाज शरीफ पंजाब के कई बार सीएम रह चुके हैं। माना जा रहा है कि पीएमएल एन जल्‍द आम चुनाव कराने के फैसले का ज्‍यादा विरोध नहीं करेगी। वहीं अगर विधानसभाओं में भी चुनाव होते हैं तो बिलावल को झटका लग सकता है क्‍योंकि सिंध में उनकी पार्टी की सरकार है।

कोर्ट तक पहुंचा मामला, आसान नहीं होगी विपक्ष की राह
इमरान खान के इस फैसले को बिलावल ने संविधान के खिलाफ बताया है और सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने एक अहम बैठक बुलाई है। इसमें ताजा राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि स्‍पीकर ने संसद में अविश्‍वास प्रस्‍ताव को खारिज किया है जिसे अब लंबी कानूनी प्रक्रिया से गुजरना होगा। संसद को अपने कई फैसलों में कानूनी छूट हासिल है और सुप्रीम कोर्ट उसके फैसले पर कोई सुनवाई नहीं कर सकता है। इस पूरे मामले के अब लंबे कानूनी पचड़े में फंसने की संभावना है और यही वजह है कि विपक्षी दल अभी भी सदन के अंदर डटे हुए हैं और सुप्रीम कोर्ट तथा सेना की ओर आशाभरी नजरों से देख रहे हैं।

डिप्टी स्पीकर ने दिया संव‍िधान का हवाला, नजरें सेना पर
पाकिस्तान नेशनल असेंबली (एनए) के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ है। सूरी ने रविवार के सत्र की अध्यक्षता की, जब विपक्षी दलों ने अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दायर किया। विपक्षी सांसद पहले अविश्वास प्रस्ताव की सफलता के प्रति आश्वस्त दिखाई दिए क्योंकि उन्होंने इसके लिए अपना रास्ता बनाया है। इस बीच पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख जनरल बाजवा पूरे मामले पर नजरें गड़ाए हुए हैं और माना जा रहा कि अव्‍यवस्‍था को रोकने के लिए वह कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button