इराक श्रीलंका की राह पर, संसद भवन में दूसरे दिन भी घुसे प्रदर्शनकारी; सुरक्षा बलों ने छोड़े आंसू गैस के गोले
बगदाद
ईरान की स्थित भी अब श्रीलंका की तरह होती दिख रही है। सरकार बनाने के प्रयासों के विरोध में एक प्रभावशाली शिया धर्मगुरु के सैकड़ों अनुयायियों ने आज दूसरी बार इराक की संसद पर कब्जा कर लिया है। ये प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोहम्मद शिया अल-सुदानी का विरोध कर रहे हैं। कल भी प्रदर्शकारियों ने संसद में घुसकर खूब हंगामा किया था। जिसके बाद हालात बद से बदतर हो गए थे।
सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा
प्रदर्शनकारियों का हंगामा बढ़ता देख इराकी सुरक्षा बलों ने उन्हें खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोलों और ध्वनि बमों का इस्तेमाल किया। इसके चलते अपेक्षित संसद सत्र नहीं हुआ और हाल में कोई विधायक नहीं जा पाया। इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने सुरक्षा बलों को प्रदर्शनकारियों की रक्षा करने का निर्देश दिया और उन्हें अपना विरोध शांतिपूर्ण रखने के लिए कहा।
विदेशी दूतावास तक पहुंचे प्रदर्शनकारी, कई घायल
एक-एक करके, प्रदर्शनकारियों ने इराक के ग्रीन जोन के गेट तक जाने वाले सीमेंट बैरिकेड्स को नीचे खींचने के लिए रस्सियों का इस्तेमाल किया। बता दें कि ग्रीन जोन में आधिकारिक इमारतें और विदेशी दूतावास हैं। वे ईरान समर्थित पार्टियों द्वारा अगली सरकार के गठन का विरोध करने आए थे। जब वे संसद भवन के पास पहुंचे तो सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े जिससे कई लोग घायल भी हुए हैं।
विरोध करने वाले शिया धर्मगुरु के अनुयायी
बता दें कि प्रदर्शनकारी प्रभावशाली शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के अनुयायी हैं, जिन्होंने ईरान समर्थित राजनीतिक समूहों द्वारा अगली सरकार के गठन के खिलाफ प्रदर्शनों का आह्वान किया था। अल-सदर की पार्टी जून में सरकार गठन वार्ता से बाहर हो गई, समन्वय फ्रेमवर्क गठबंधन में अपने प्रतिद्वंद्वियों को बहुमत देने के लिए उन्हें प्रक्रिया के साथ आगे बढ़ने की जरूरत थी।
सरकार के गठन को लेकर असमंजस
बता दें कि अक्टूबर 2021 में हुए चुनाव में अल-सदर 329 सीटों वाली संसद में सबसे बड़ा गुट बन गया था, लेकिन वे नई सरकार को लेकर बातचीत को आगे नहीं बड़ा पाए। अल-सदर के गुट ने 73 सीटें जीती थीं। लेकिन अल-सद्र बातचीत की प्रक्रिया से बाहर हो गए जिसके चलते नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस की स्थिति है।