इमोश्नल बिंज ईटिंग में कुछ भी खाने लगते हैं लोग
आपकी भावनाओं से ही आपके खानपान में बदलाव होता है। सुख, दुख, गुस्सा, चिंता, डर, एंग्जाइटी, निराशा- ये सारी भावनाएं आपके खाने की आदतों को कंट्रोल करती हैं। ज्यादा खुश होने पर आप ज्यादा खा लेते हैं और ज्यादा दुखी होने पर आपको जंक फूड खाने का मन होता है। इसे ही इमोश्नल बिंज ईटिंग कहते हैं।
अधिकतर लोग इमोश्नल बिंज ईटिंग नकारात्मक भावनाएं महसूस होने पर करते हैं। जब आप दुखी या चिंतित होते हैं तो शरीर में कार्टिसोल नाम का हॉरमोन रिलीज होता है। इसे स्ट्रेस हॉरमोन भी कहा जाता है। जब दिमाग को ये पता चलता है कि आप चिंता में हैं, तो इस स्थिति पर काबू पाने के लिए वह आपको पसंदीदा खाना खाने या काम करने के लिए उकसाता है। ज्यादातर लोगों को हाई फैट या हाई शुगर वाला खाना ही पसंद होता है, जो शरीर के लिए अच्छा नहीं माना जाता। इससे आप मोटापा सहित कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। इस तरह आप अपनी चिंता से दूर भागने के लिए जंक फूड जैसे चिप्स, पिज्जा, पास्ता, बर्गर और मीठी चीजें जैसे कुकीज, केक और सॉफ्ट ड्रिंक्स का सहारा लेते हैं।
भावनाओं को स्वीकारें: आप जो कुछ भी महसूस कर रहे हैं, उससे भागने की कोशिश न करें। सबसे पहले उस भावना को पहचाने जो आपको परेशान कर रही है। फिर ये स्वीकार करें कि आप खुश नहीं है।
मेडिटेशन करें: मेडिटेशन से आपका दिमाग बेहतर महसूस करेगा। इससे आपकी चिंता और एंग्जाइटी कम होगी और आप जंक फूड खाने से पहले एक बार सोचेंगे।
नेचर में समय बिताएं: अधिकतर लोग नकारात्मक महसूस करने पर अपने आपको एक कमरे में बंद कर लेते हैं। इससे वो सकारात्मक एनर्जी के करीब ही नहीं आ पाते। कोशिश करें कि बुरा महसूस होने पर नेचर में समय बिताएं। इससे आपका मूड अच्छा होगा और आप हल्का महसूस करेंगे।
अच्छी डाइट लें: खाने-पीने में प्रोटीन और फाइबर की मात्रा बढ़ाएं। फाइबर से पेट ज्यादा देर तक भरा रहता है। इससे आपको जंक फूड खाने की इच्छा नहीं होगी।
एक्सरसाइज करें: एक्सरसाइज हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी अच्छी होती है। योगा, रनिंग, जॉगिंग, हल्की-फुल्की एक्सरसाइज भी आपके मूड को बेहतर बना सकती है।
पसंदीदा एक्टिविटीज करें: गुस्से, चिंता या दुख में लगातार खाने की जगह मनपसंद एक्टिविटीज करें। अपने करीबी लोगों से बात करें और उनसे अपनी फीलिंग्स शेयर करें।
डॉक्टर से संपर्क करें: इन सभी टिप्स को फॉलो करने के बाद भी इमोश्नल बिंज ईटिंग से छुटकारा नहीं मिल रहा है तो डॉक्टर से सलाह लें।