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खुद के लिए संविधान बदल चुके राष्ट्रपति शी जिनपिंग, कुर्सी को खतरा देखते ही प्रधानमंत्री को लगाएंगे ठिकाने?

बीजिंग
 
चीन में बड़े राजनीतिक फेरबदल होने के आसार हैं। दरअसल राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन की सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) में बड़ा बदलाव कर सकते हैं। ऐसे में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के प्रीमियर यानी चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग और पांच अन्य लोगों का भाग्य अनिश्चित बना हुआ है। खबर है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग अपना ऐतिहासिक तीसरा कार्यकाल हासिल करने के बाद अपने करीबी सर्कल को बदलने की कोशिश कर सकते हैं।

सीसीपी के पास एक सुपर-शक्तिशाली केंद्रीय समिति है जिसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नियमित रूप से फेरबदल किया है ताकि कोई भी अपनी जगह पर सहज न हो सके। पार्टी 25 सदस्यीय पोलित ब्यूरो को चुनती है। उनमें से, राष्ट्रपति सहित सात सदस्य मिलकर पोलित ब्यूरो स्थायी समिति बनाते हैं। यह चीन की एक विशिष्ट, सुपर-शक्तिशाली निकाय है। इसमें शी और छह अन्य शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, शी के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर अब कोई सवाल ही नहीं है। हालांकि, ऐसी अटकलें हैं कि प्रीमियर ली केकियांग को जाना होगा। यह इसलिए भी सच साबित हो सकता है, क्योंकि 2018 में राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा को हटाने के लिए चीनी संविधान में संशोधन किया गया था। हालांकि यह संशोधन केवल राष्ट्रपति के लिए था न कि प्रधानमंत्री के लिए।
 
इसके अलावा, शी जिनपिंग को प्रधानमंत्री ली केकियांग से कुर्सी का भी खतरा है। ऐसे में कयास लगाए जा सकते हैं कि शी जिनपिंग प्रधानमंत्री को पार्टी कांग्रेस से सेवानिवृत्त होने का दबाव बनाएंगे। पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ के करीबी, प्रधानमंत्री ली को कभी उनका उत्तराधिकारी माना जाता था। लेकिन, शी जिनपिंग को तरजीह दी गई। एक अन्य सदस्य ली झांशु चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति के वर्तमान अध्यक्ष हैं। उन्हें चीन का तीसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है और उन्हें शी का करीबी माना जाता है। लेकिन वह भी 71 साल के हैं और उन्हें राजनीति से संन्यास लेना होगा।

वांग यांग 67 वर्ष के हैं और चीनी पीपुल्स पॉलिटिकल कंसल्टेटिव कॉन्फ्रेंस के पार्टी सचिव हैं। हालांकि, प्रधानमंत्री ली की तरह वांग को भी हू जिंताओ गुट का करीबी माना जाता है। दूसरी ओर, ली झांशु और झाओ लेजी को शी गुट का हिस्सा कहा जाता है। मौजूदा सात सदस्यों में से तीन के सेवानिवृत्त होने की उम्मीद है। पोलित ब्यूरो के 25 सदस्यों में से स्थायी समिति के सात सदस्यों को हटाने के बाद भी 18 बच जाते हैं। ऐसे में मीडिया पोर्टल के अनुसार, 18 में से नौ 20वीं कांग्रेस के बुलाए जाने तक सेवानिवृत्ति की आयु तक पहुंच जाएंगे। इससे नौ "संभावित दावेदार" बचे हैं जिनके पास स्थायी समिति में जगह बनाने का मौका है। पारंपरिक सेवानिवृत्ति नियमों के अनुसार, उनमें से छह केवल एक ही कार्यकाल पूरा कर सकते हैं और तीन दो कार्यकाल को पूरा कर सकते हैं। इन नौ में से तीन को कांग्रेस की स्थायी समिति में शामिल किया जा सकता है।

 

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