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रूस ने सिविरोदोनेस्क पर की मिसाइलों और गोलों की बारिश

कीव
दोनबास के लुहांस्क इलाके के सबसे बड़े शहर सिविरोदोनेस्क पर रूस ने जबरदस्त हमला बोला है। यहां रूसी सेना का मुकाबला कर रहे यूक्रेनी बलों ने बताया कि शनिवार से ही रूस ने इस इलाके पर कब्जे के लिए पूरी ताकत झोंक रखी है। लुहांस्क के गवर्नर सेरही गैडाइ ने बताया कि मिसाइल और गोलों की बारिश की वजह से अभी नुकसान का अंदाजा भी नहीं लग पा रहा है। यहां, तक कि यह भी पता नहीं चल रहा है कि कितने सैनिक मारे गए हैं।

बहरहाल, रूस का पूरा ध्यान फिलहाल सिवरस्की दोनेस्क नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित सिविरोदोनेस्क पर कब्जा करने पर है। रूस ने दोनबास में धीमी, लेकिन ठोस बढ़त हासिल कर ली है। सिविरोदोनेस्क पर रूस कब्जा कर लेता है तो लुहांस्क और दोनेस्क के कई और इलाकों तक उसकी पहुंच आसान हो जाएगी।

युद्ध की शुरुआत में रूस ने एक साथ बड़े इलाके पर धावा बोल रहा था, जिससे उसके सैनिकों की संख्या कम नजर आ रही थी। अब रणनीति में बड़ा बदलाव करते हुए रूस छोटे-छोटे इलाकों पर पूरी ताकत से हमला कर रहा है। इसकी वजह से यूक्रेनी सेना का प्रतिरोध कमजोर साबित हो रहा है। डोनेस्क और दोनबास में रूस ने इसी रणनीति से तेजी से बढ़त हासिल की है।

हार्पून मिसाइल और होवित्जर तोपें जल्द मिलेंगी
यूक्रेन के रक्षा मंत्री ने बताया, जल्द ही डेनमार्क से एंटीशिप हार्पून मिसाइलें और अमेरिका से हेवित्जर तोपें मिलने वाली हैं। वहीं, अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि यूक्रेन को लंबी दूरी तक हमला करने वाले हथियार मुहैया कराने पर विचार चल है। यूक्रेनी राष्ट्रपति के सलाहकार मिखायलो पोदोलियाक कहते हैं, जब 70 किलोमीटर दूर से हमला किया जाए तो उसका जवाब देना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। खासतौर पर तब और भी मुश्किल हो जाता है, जब इतनी दूरी से जवाबी हमले के हथियार ही नहीं हों।

यूक्रेन ने मांगे लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने शनिवार को कहा कि डोनबास इलाके में सैन्य हालात बेहद जटिल हैं। यहां के कुछ इलाकों पर रूसी सेना और उसके समर्थक अलगाववादियों का कब्जा है। यूक्रेनी बल सिविरोदोनेस्क व लिसिकांस्क में टिके हुए हैं और वहां से आखिरी सांस तक कब्जा नहीं छोड़ने वाले।

उन्होंने पश्चिमी देशों से मदद की अपील करते हुए कहा कि यूक्रेन को हथियारों की जरूरत है। हालांकि, वाशिंगटन स्थित युद्ध अध्ययन संस्थान के मुताबिक, सिविरोदोनेस्क जैसे छोटे से इलाके के लिए रूसी सेना का पूरी ताकत झोंकने के बाद भी जूझना बताता है कि यूक्रेन मजबूती से अपने इलाकों की हिफाजत कर रहा है।

लड़कर पूरा यूक्रेन वापस लेना मुश्किल
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कहा, यूक्रेन लड़कर उन सभी इलाकों पर कब्जा कर ले, जिन्हें रूस ने हासिल किया है तो शायद वह वार्ता पर आए। हालांकि, जेलेंस्की ने कहा कि 2014 के नक्शे के मुताबिक यूक्रेनी क्षेत्र को हासिल करना संभव नहीं है। क्रीमिया को यूक्रेन में मिलाने का विचार उन्होंने खारिज कर दिया।

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