नहीं झुकेगा रूस, पुतिन ने दिखाई महाविनाशक मिसाइल की ताकत, फिर तिलमिलाया अमेरिका
मास्को
यूक्रेन में भीषण जंग जारी है और दूसरी तरफ फिनलैंड और स्वीडन को लेकर नाटो के साथ चल रहे तनाव के बीच रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका, यूरोपीय देश समेत दुनिया के तमाम देशों को एक बार फिर से अपनी शक्ति का परिचय कराया है। रूस के पास एक से एक महाविनाशक मिसाइलें हैं, जिससे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे ताकतवर देश भी थर्राता है। जानकारी के मुताबिक रूसी सेना ने यार्स अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल से साइबेरिया के जंगलों में जंग का अभ्यास किया है। यह इतना घातक मिसाइल है कि, ब्रिटेन पर आसानी से अपना निशाना बना सकता है। रूस की इस मिसाइल की रेंज 12 हजार किमी बताया जा रहा है। यह अगर अमेरिका को निशाना बनाकर चलाया जाए तो वहां तबाही मच जाएगी। पुतिन की सेना ने यह मिसाइल अभ्यास ऐसे समय पर किया है जब रूस के पूर्व राष्ट्रपति दमित्रि मेदवेदेव ने युद्ध अपराध में रूस को दंडित किए जाने पर मानवता के अस्तित्व के खात्मे की धमकी दी है।
बता दें कि, पुतिन दुनिया के ऐसे शक्तिशाली राष्ट्रपति में से एक हैं जो अपनी जूनून के आगे किसी की नहीं सुनते हैं। वह अपने कार्य को अंजाम तक पहुचाने की ताकत रखते है। इसका जीता-जागता उदाहण यूक्रेन जंग है, जहां अमेरिका, यूरोप जैसे देश पुतिन को झुकाने के प्रयासों में दिन-रात जुटी हुई है। इससे पुतिन को कोई फर्क नहीं पड़ता दिख रहा है। वे और भी अधिक उग्र होकर यूक्रेन में जंग को और तेज कर दिया है और दुनिया को यार्स जैसे खतरनाक मिसाइल चलाकर दिखा दिया है कि रूस अभी भी शक्तिशाली है और वह किसी को भी चुटकियों में खत्म कर सकता है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा, 'इस अभ्यास में करीब 100 हथियार हिस्सा ले रहे हैं। रूस के रणनीतिक मिसाइल फोर्स ने यार्स रोड मोबाइल मिसाइल सिस्टम को एक जगह से दूसरी जगह तैनात किए जाने का अभ्यास किया। इस दौरान रूसी सैनिकों ने मिसाइल के साथ अपने युद्ध कौशल और जंगल के अंदर छिप जाने का अभ्यास किया।' रूसी सैनिकों को तबाही मचाने, लॉन्च एरिया में खोज करने और 'दूषित इलाके' से निकलने का भी अभ्यास किया।
दमित्रि मेदवेदेव की धमकी यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपनी परमाणु सेना को हाई अलर्ट पर रखा है। रूसी सेना लगातार जंग का अभ्यास कर रही है। इस बीच पूर्व राष्ट्रपति मेदवेदेव ने भी धमकी दी है कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत को रूस के खिलाफ 'कानूनी रूप से अमान्य' कार्रवाई करने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, 'सबसे बड़ी परमाणु क्षमता से लैस देश को दंडित करने का विचार अपने आप में हास्यास्पद है। उन्होंने कहा, यह परमाणु हथियार मानवता के अस्तित्व को खतरे में डाल सकते हैं।' मेदवेदेव का आरोप मेदवेदेव का आरोप है कि, अमेरिका अंतरराष्ट्रीय आपराधिक अदालत के जरिये अव्यवस्था और बर्बादी के बीज बोने की कोशिश कर रहा है।
पुतिन के बेहद करीबी मेदवेदेव ने कहा कि अमेरिका का खूनी इतिहास रहा है। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिका ने हिरोशिमा और नागासाकी को केवल इसलिए तबाह कर दिया ताकि मैनहैटन प्रॉजेक्ट में आए खर्च को न्यायसंगत ठहराया जा सके। अमेरिका ने दूसरे विश्वयुद्ध से लेकर अब तक 37 देशों में 2 करोड़ लोगों की हत्या की है। बता दें कि, जब से यूक्रेन में रूस ने जंग छेड़ा है तब से लेकर अब तक यूरोप और अमेरिका रूस को झुकाने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। हालांकि, इससे रूस और भी अधिक आक्रामक होता जा रहा है।