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यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव में रूसी सेना बोल सकती है निर्णायक हमला

कीव
यूक्रेन की राजधानी कीव और खारकीव में रूसी सेना ने भयानक हमले शुरू कर दिए हैं। माना जा रहा है कि रूसी सेना किसी भी समय कीव पर निर्णायक हमला बोल सकती है। आकाश में हर जगह रूसी फाइटर जेट मंडरा रहे हैं। यूक्रेन पर रूसी सैन्‍य कार्रवाई के 115 घंटे से ज्‍यादा बीत चुके हैं और अभी भी रूसी सेना राजधानी कीव पर कब्‍जा नहीं कर पाई है। यूक्रेन की सेना की ओर से उसे जोरदार पलटवार का सामना करना पड़ रहा है। इस जंग में रूस ने यूक्रेन की ताकत को कम करके आंका और इसी का खामियाजा उसे जंग के मैदान में उठाना पड़ा है।

रूसी मामलों के विशेषज्ञ माइकल कोफमैन ने ट्विटर पर सिलसिलेवार तरीके से कई ट्वीट करके बताया कि यूक्रेन और रूस की यह जंग क‍िस ओर बढ़ती दिख रही है। उन्‍होंने कहा कि रूस का मिशन था कि कीव पर जल्‍द से जल्‍द कब्‍जा कर लिया जाए और यूक्रेन की सेना को आत्‍मसमर्पण के लिए बाध्‍य किया जा सके। उसने अपनी सेना की छोटी छोटी टुकड़ी भेजी ताकि वे तेजी से आगे बढ़े और यूक्रेन की सेना से ज्‍यादा भिड़ंत न करें। रूसी सेना ने बड़े शहरों को छोड़कर छोटे-छोटे कस्‍बों से कीव की ओर बढ़ना शुरू किया।

रूस ने यूक्रेन और उसकी सेना को गंभीरता से नहीं लिया
कोफमैन ने कहा कि रूस ने यह रणनीति क्‍यों चुना, इसके पीछे कई सिद्धांत हैं। रूस ने यूक्रेन और उसकी सेना को गंभीरता से नहीं लिया। वे चाहते थे कि संघर्ष और तबाही से बचा जाए क्‍योंकि इसके परिणाम भयानक होते। वे चाहते थे कि जनता को इस युद्ध के बारे में पता नहीं चले। यह भी संभव है कि रूसी रणनीतिकार वास्‍तव में चाहते थे कि व्‍यापक स्‍तर पर तबाही से बचा जाए क्‍योंकि इसका उनके देश में ही विरोध शुरू हो जाएगा। ज्‍यादातर रूसी सैनिक युवा हैं और यूक्रेन के खिलाफ जंग लड़ने की उनकी कोई इच्‍छा नहीं है।

विशेषज्ञ ने कहा कि जो अभी तक दिखा है, उसके मुताबिक रूसी सेना को यह पता नहीं था कि उन्‍हें हमले का आदेश दिया जा सकता है। यही वजह थी कि वह इस युद्ध को लड़ने के प्रति अनिच्‍छुक थी। वे यूक्रेन को शत्रु के रूप में नहीं देखते हैं। साथ ही वे यह भी मानते हैं कि यूक्रेन सैन्‍य रूप से इसके लिए तैयार नहीं है। रूस ने कोशिश की कि तेजी से और कम खर्च में हमला करके जीत हासिल कर लिया जाए और पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों और गुस्‍से से बचा जा सके। हालांकि वे फेल रहे और अब उन्‍हें बड़े पैमाने पर सेना को भेजना पड़ा है।
 

रूस की सेना ने युद्ध को जनता से छिपाने का पूरा प्रयास क‍िया
उन्‍होंने कहा कि रूस ही नहीं दुनियाभर के विशेषज्ञों ने यह अनुमान लगाया था कि यूक्रेन की सेना 4 दिन में हार मान लेगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यूक्रेन के सैनिक छठवें दिन भी रूस को करारा जवाब दे रहे हैं। यही नहीं यूक्रेन में हर जगह मौजूद रूसी सेना के सप्‍लाइ लाइन पर यूक्रेनी सेना जोरदार हमले कर रही है। यही नहीं रूसी सेना का 64 किमी लंबा काफिला अपने ही ट्रैफिक जाम में फंस जा रहा है। ऊपर से यूक्रेन के ड्रोन आसानी से हमले कर रहे हैं।

कोफमैन ने कहा कि एक तथ्‍य यह भी है कि अभी बड़े पैमाने पर रूसी सेना इस युद्ध में शामिल नहीं हुई है। रूस ने अपनी अभी कई क्षमताओं का इस्‍तेमाल नहीं किया है। रूस ने अभी एयरफोर्स का पूरी तरह से इस्‍तेमाल नहीं किया है। रूस ने क्रूज और बलिस्टिक मिसाइलों की मदद से यूक्रेन के एयर डिफेंस‍ सिस्‍टम और एयर बेस को तबाह कर दिया। उन्‍होंने कहा कि रूस की सेना युद्ध को अपनी जनता से छिपाने का पूरा प्रयास कर रही थी और उसने इसे दोनबास को मुक्‍त कराने का अभियान नाम दिया जो फेल हो गया।

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