यूक्रेनी रेलवे स्टेशन पर रूसी सेना ने दागे रॉकेट, महिलाओं-बच्चों समेत 52 की मौत
कीव
युद्धग्रस्त पूर्वी यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में एक रेलवे स्टेशन पर मौजूद भीड़ पर हुए रूसी रॉकेट हमले में कम से कम 52 लोगों की मौत हो गई, जबकि दर्जनों अन्य घायल हो गए। वहां शुक्रवार को हजारों की संख्या में लोग एकत्र हुए थे। रूसी सैनिकों के यूक्रेन से वापसी के क्रम में देश की राजधानी के पास बूचा शहर में हुई हत्याओं का पता चलने के बाद रेलवे स्टेशन पर हमले की घटना को भी युद्ध अपराध की श्रेणी में रखा जा रहा है। यूक्रेन के अधिकारियों ने बताया कि क्रामातोर्स्क शहर के रेलवे स्टेशन पर किए गए मिसाइल हमले के दौरान वहां हजारों लोग दूसरी जगह जाने के लिए एकत्र थे। यूक्रेन के महाअभियोजक के कार्यालय ने कहा कि स्टेशन के अंदर और आसपास करीब 4,000 नागरिक एकत्र थे और उनमें से ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।
रूसी रक्षा मंत्रालय का स्टेशन पर हमला करने से इनकार
रूसी रक्षा मंत्रालय ने स्टेशन पर हमला करने से इनकार किया है, लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने आरोप लगाया कि रूसी सैनिकों ने जान-बूझकर ऐसे स्थान को निशाना बनाया जहां आम नागरिक एकत्र थे। रूस ने घटना के लिए यूक्रेन को दोषी ठहराते हुए कहा कि जिस तरह की मिसाइल से स्टेशन पर हमला किया गया, वह ऐसी मिसाइल का उपयोग नहीं करता है, जिसे विशेषज्ञों ने खारिज कर दिया।
'रूसी अपने तरीके बदल नहीं रहे'
जेलेंस्की ने शुक्रवार को अपने रात्रि वीडियो संबोधन में यूक्रेन के लोगों से कहा, ''हर मिनट यह साबित करने के प्रयास किए जाएंगे कि किसने क्या किया, किसने क्या आदेश दिया, मिसाइल कहां से आई, किसने पहुंचाया, किसने आदेश दिया और इस हमले पर कैसे सहमति बनी। अमानवीय रूसी अपने तरीके बदल नहीं रहे हैं। युद्ध क्षेत्र में हमारे सामने खड़े होने की ताकत एवं हिम्मत नहीं होने के कारण वे अब असैन्य आबादी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।''
'और अधिक भयावह मंजर देखने को मिलेंगे'
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा कि इस बुराई का कोई अंत नहीं है। अगर उन्हें सजा नहीं दी गई, तो वह (रूस) कभी नहीं थमेगा। इस बीच, यूक्रेन के नेताओं ने कहा है कि देश के जिन क्षेत्रों में रूस से कब्जा वापस ले लिया गया है, वहां रूसी सेना द्वारा मचाई गई तबाही के कारण आने वाले दिनों में और अधिक भयावह मंजर देखने को मिल सकते हैं।