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सिराजुद्दीन हक्‍कानी पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पालतू, पहली बार आया दुनिया के सामने

काबुल। तालिबान का गृहमंत्री और 1 करोड़ डॉलर का इनामी आतंकी सिराजुद्दीन हक्‍कानी पहली बार दुनिया के सामने आया है। सिराजुद्दीन हक्‍कानी पाकिस्‍तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई का पालतू है और आतंकी संगठन हक्‍कानी नेटवर्क का सरगना है। अफगानिस्‍तान में तालिबान के कब्‍जे के बाद पहली बार सिराजुद्दीन हक्‍कानी कैमरे के सामने आया है। पुलिस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए सिराजुद्दीन हक्‍कानी ने पाकिस्‍तानी राजदूत के अभिवादन करने पर उन्‍हें भाव तक नहीं दिया।

हक्‍कानी पहले भी कई बार सार्वजनिक कार्यक्रमों में शामिल होता रहा है लेकिन अब तक उसकी तस्‍वीर तक नहीं जारी होती थी। ऐसा पहली बार है जब सिराजुद्दीन हक्‍कानी का फोटो और वीडियो जारी हुआ है। इस कार्यक्रम के दौरान पाकिस्‍तान के अफगानिस्‍तान में राजदूत ने उनका अभिवादन किया लेकिन सिराजुद्दीन हक्‍कानी ने उनकी तरफ देखा तक नहीं। माना जा रहा है कि पाकिस्‍तान और ताल‍िबान के बीच र‍िश्‍ते तनावपूर्ण चल रहे हैं और यह तल्‍खी उसी का उदाहरण है।

बता दें कि अफगानिस्तान में कट्टरपंथी आतंकवादी समूहों पर शोध करने वाले सुरक्षा विशेषज्ञ अब्दुल सईद और सौफान समूह में रिसर्च और पॉलिसी के डायरेक्टर कॉलिन पी क्लार्क ने पूरी दुनिया को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि सिराजुद्दीन हक्कानी और उसका चाचा खलील दुनिया का सबसे दुर्दांत आतंकवादी संगठन हक्कानी नेटवर्क को चलाते हैं। यह एक कट्टर अफगान सुन्नी इस्लामी आतंकवादी संगठन है, जिसे तालिबान का हिस्सा माना जाता है। अमेरिका ने 2012 में हक्कानी नेटवर्क को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया था।

हक्कानी नेटवर्क लंबे समय से तालिबान का सबसे घातक और शातिर संगठन रहा है। हक्‍कानी नेटवर्क के इसके सभी लड़ाके अपने आप में सबसे ज्यादा हिंसक और लालची हैं। अब सत्ता पाने के बाद हक्कानी के और अधिक खूंखार होने की संभावना है। इससे दुनिया में शांति और दयालु बनने का ढोंग कर रहे तालिबान को भी नुकसान पहुंच सकता है। वह खुद ही तालिबान का सर्वेसर्वा बन सकता है, क्योंकि समूह में उसके विरोधी लोग काबुल से निर्वासित जीवन जी रहे हैं। मुल्ला बरादर और मुल्ला यूसुफ तालिबान के दो ऐसे नेता हैं जिनका सिराजुद्दीन हक्कानी से पुरानी दुश्मनी है।अफगानिस्‍तान में तालिबान के सत्‍ता में आने के बाद से ही पाकिस्‍तानी सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच कई बार सीमा पर झड़प हो चुकी है। इससे दोनों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है। तालिबान ने अफगान सीमा पर पाकिस्तान की बाड़बंदी पर कड़ा एतराज जताया है और जंग तक की धमकी दी है। तालिबान हमेशा से ही पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच की सीमा यानी डूरंड लाइन को नहीं मानता है। तालिबान का दावा है कि अफगानिस्तान का इलाका वर्तमान सीमा के काफी आगे तक है। यह इकलौता ऐसा मुद्दा है, जिसपर अफगानिस्तान की पूर्व अशरफ गनी सरकार और तालिबान एकमत थे। तालिबान ने डूरंड लाइन पर पाकिस्तान की बाड़बंदी को गिरा भी दिया है। ऐसे में यह तय है कि तालिबान के ब्रांड एंबेसडर बन दुनिया से चंदा मांग रहे इमरान खान की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ने वाली हैं।

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