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लद्दाख और जापान में भूकंप के जोरदार झटके , सुनामी का भी अलर्ट जारी

टोक्यो

लद्दाख में भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार इसकी तीव्रता 5.2 मापी गई है। झटके देर शाम 7:05 मिनट पर महसूस किए गए। फिलहाल जानमाल के नुकसान की कोई खबर नहीं है। जापान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। इसका केंद्र देश की राजधानी टोक्यो से 297 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में था। तीव्रता 7.3 मापी गई है। सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। इसके चलते टोक्यो में बिजली गुल हो गई है।

लद्दाख में जानमाल के नुकसान की खबर नहीं- लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। इसे कुछ सेकेंड तक महसूस किया गया। फिलहाल किसी प्रकार के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है। हालांकि, लोगों में डर का माहौल है। स्थानीय मौसम विभाग के अनुसार भूकंप की गहराई 110 किलोमीटर रही।

जापान में सुनामी की चेतावनी जारी- उत्तरी जापान में फुकुशिमा के तट पर भूकंप भारतीय समयानुसार शाम 8:06 मिनट पर आया। इसका केंद्र समुद्र से 60 किलोमीटर नीचे था। सुनामी की चेतावनी जारी की गई है। फिलहाल किसी के हताहत होने की जानकारी नहीं है। क्षेत्र उत्तरी जापान का हिस्सा है, जो 9.0 तीव्रता की भूकंप के बाद सुनामी आने से तबाह हो गया था। इसके कारण परमाणु आपदा भी आई थी।

भूकंप के चलते 2 लोगों की मौत हो गई, जबकि 88 घायल हो गए हैं. भूकंप की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वहां एक बुलेट ट्रेन पटरी से नीचे उतर गई. जापान के मौसम विभाग ने सुनामी की चेतावनी जारी की है. इस बार आया भूकंप सामान्य से कहीं ज्यादा है. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.3 मापी गई थी. रात 8.06 बजे (जापान में 11.30) आए भूकंप का केंद्र टोक्यो से 297 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में बताया गया.

जापान के मौसम विभाग के मुताबिक भूकंप का केंद्र समुद्र से 60 किलोमीटर गहराई में था. जापान के मियागी और फुकुशिमा प्रान्त में भूकंप के झटके सबसे ज्यादा महसूस किए गए. दोनों प्रांतों में लोगों से तटीय इलाकों से दूर रहने की अपील की गई है. फुकुशिमा में ही भूकंप के चलते 2 लोगों की मौत हुई है.

जापान की बुलेट ट्रेन ऑपरेटर कंपनी के मुताबिक तोहोकू में बुलेट ट्रेन पटरी से नीचे उतर गई. ट्रेन में उस वक्त 100 यात्री सवार थे. हालांकि उनमें से कोई भी घायल नहीं हुआ. जापान की ईस्ट निप्पॉन कंपनी के मुताबिक कई एक्सप्रेसवे को आवाजाही के लिए बंद कर दिया है. इसमें ओसाकी का तोहोकू एक्सप्रेसवे, मियागी का प्रीफेक्चर और सोमा, फुकुशिमा का जोबन एक्सप्रेसवे शामिल है.

 

 

भूकंप के झटकों के बाद जापान की राजधानी टोक्यो में 20 लाख घरों में अंधेरा छा गया. टोक्यो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी के हवाले से एएफपी ने बताया कि जापान में भूकंप के बाद टोक्यों अंधेरे में डूब गया. भूकंप के इन झटकों के जापान के लोगों को 2011 का दौर याद दिला दिया. 11 मार्च साल 2011 का दिन जापान के लिए अभूतपूर्व दुर्घटना वाला दिन रहा था. इस दिन 9 की मात्रा का भूकंप उत्तरपूर्वी जापान के तट पर आया, जिससे निकली सुनामी (Tsunami) ने हजारों लोगों की जान ले ली थी. इस हादसे आज भी जापान उबर नहीं पाया है. इन भूकंप के झटकों में 18 हजार लोगों की मौत हुई थी.

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