फाइटर जेट की गड़गड़ाहट और धमाकों की आवाज से खुली नींद, यूक्रेन संकट का आंखो देखा हाल
कीव।
रूसी हमलों के बाद गुरुवार को यूक्रेन में हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल दिखा। सड़कों पर गाड़ियों की लंबी कतारें देखी गईं। सुरक्षित ठिकानों की ओर भागने की जल्दी में कीव के साथ-साथ यूक्रेन के अन्य शहरों में भारी जाम लग गया। पेट्रोल पंपों पर भारी भीड़ दिखी। एटीएम मशीनों से नकदी खत्म हो गई और खाने पीने के सामान की किल्लत भी होने लगी। रोते-चिल्लाते लोग एक दूसरे को ढांढस बंधाते देखे गए।
गुरुवार तड़के रूस ने यूक्रेन पर हमला किया। हमले के बाद कीव, कीएफ के अलावा निप्रो और खार्कीव, लुहान्सक, दोनेत्सक, खेशत्यक में अफरा-तफरी मच गई। होटलों ने लोगों को तीस मिनट के अंदर इमारत खाली करने को कहा। सुरक्षित ठिकानों की ओर जाने के लिए मेट्रो स्टेशन और बस स्टॉप पर भी भीड़ दिखी। देर शाम कुछ ट्रेनों को रद्द किए जाने के बाद लोग स्टेशन पर फंस गए।
हमलों के बाद हेयान्सका अपने दो माह के बेटे का कंधे पर लादे भागी जा रही थीं। कोई सवारी न मिलने के कारण उन्होंने पैदल ही सुरक्षित ठिकाने की ओर चलना शुरू किया। यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र आशीष चंद्रा ने इंदौर में अपने परिजनों को फोन कर बताया कि विस्फोट लगातार सुने जा रहे थे। आशीष ने बताया कि दुकानों पर से जरूरत का सारा सामान खत्म हो गया है और जहां राशन उपलब्ध था, वहां कैश पेमेंट के अलावा कार्ड पेमेंट स्वीकार नहीं किया जा रहा है। एटीएम में नकदी खत्म हो चुकी है और पेट्रोल पंप पर लंबी कतारें लगी हैं।
पूरे यूक्रेन में डर का माहौल
यूक्रेन के पूर्वी हिस्से में तनाव, अनिश्चितता और डर का माहौल है। लोगों के चेहरों पर डर और घबराहट का भाव है। आसमान में लड़ाकू विमानों की गड़गाहट सुनाई दे रही थी और बेबस नागरिक सड़क पर खड़े होकर उन्हें देख रहे थे। कुछ नागरिक भागकर पौलेंड की ओर चले गए। हवाई हमलों में निशाना बनी इमारतों में फायर बिग्रेड के लोग राहत और बचाव का काम कर रहे थे। खारकिव में हुए मिसाइल हमले के बाद वहां के निवासी शचरबकोव के घर की छत क्षतिग्रस्त हो गई। शचरबकोव ने कहा, ''मैंने शोर सुना और नींद खुल गयी, तब मुझे अहसास हुआ कि तोप से गोले भी दागे जा रहे हैं। घबराकर वो अपनी मां को जगाने पहुंचे, इसी बीच उनके घर के पास एक तेज धमाका हुआ। हमलों की दहशत के बीच कुछ लोगों ने अपने सामान के साथ सबवे में पनाह ली।
जीवन की सबसे खराब सुबह
खारकिव की एक निवासी शासा ने हमले के बाद कहा कि गुरुवार को उनके जीवन की सबसे खराब सुबह थी। उन्होंने कहा कि पहले उन्हें लगा पटाखे की आवाज है, लेकिन जब वे बालकनी में आईं तो पता चला की हमला हुआ है। शहर के बाहरी इलाके में कुछ लोग विस्फोट की आवाज से जाग गए थे, लेकिन कुछ अन्य को कोई आवाज नहीं सुनायी दी। लोग अपनी कारों में शहर छोड़ने के लिए जल्दबाजी में थे।