विदेश

UNSC की आपात बैठक भारत ने की संयम की अपील, UK बोला- पीछे हटे रूस

नई दिल्ली

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। रूस के इस फैसले से यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की पश्चिम देशों की आशंका के बीच तनाव और बढ़ेगा। राष्ट्रपति की सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद पुतिन ने यह घोषणा की और इसी के साथ मॉस्को समर्थित विद्रोहियों और यूक्रेनी बलों के बीच संघर्ष के लिए रूस के खुलकर बल और हथियार भेजने का रास्ता साफ हो गया है।  पुतिन के इस फैसले की अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसा देशों ने निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक शुरू हो चुकी है। पश्चिमी देशों को इस बात का डर है कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर हमला कर सकता है और वह पूर्वी यूक्रेन में झड़पों को हमला करने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर सकता है।

पुतिन ने दिए सैनिकों को यूक्रेन भेजने के आदेश
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मॉस्को समर्थित क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने वाले फरमानों पर हस्ताक्षर करने के कुछ ही घंटों बाद पूर्वी यूक्रेन के अलगाववादियों के कब्जे वाले हिस्सों में सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है। रूस के रक्षा मंत्री क्रेमलिन ने इसे शांति व्यवस्था मिशन का नाम दिया है, लेकिन अमेरिका सहित कई अन्य देशों ने यूक्रेन पर हमले की आशंका जताई है।

कनाडा ने रूस को लताड़ा, बताया शांति के लिए खतरा
कनाडा ने रूस की खिंचाई की और युक्रेन को विभाजित करने की उसकी पहल को सिरे से खारिज कर दिया। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, "रूस की अस्वीकार्य कार्रवाइयों से यूरोप और दुनिया भर में शांति को खतरा है। उन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मैंने आज राष्ट्रपति वॉन लेयेन के साथ इस बारे में बात की और हमने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की।"

 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button