भारत में अगस्त में आ सकती है कोरोना वायरस चौथी लहर: स्वास्थ्य मंत्री
कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर शुरू हो गया है। अमेरिका व ब्रिटेन सहित एशिया और यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसे देखते हुए भारत सहित पूरी दुनिया में कोरोना की चौथी लहर की आशंका जताई जा रही है। कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के सुधाकर ने विधान परिषद में बताया है कि भारत में अगस्त में महामारी की चौथी लहर देखने को मिल सकती है।
पिछले कुछ हफ्तों से कई देशों में कोरोने के नए मामलों की संख्या में अचानक भारे वृद्धि देखने को मिल रही है। बताया जा रहा कि इस बार कोरोना का सबसे तेज फैलने वाले वेरिएंट ओमीक्रोन सबवेरिएंट बीए.2 (Omicron subvariant BA.2) के मामले ज्यादा तेजी से बढ़ रहे हैं। सबसे ज्यादा बुरे हालात साउथ कोरिया में बने हुए हैं, जहां कोरोना के रोजाना पांच लाख के करीब मामले सामने आ रहे हैं।
कोरोने के इस सबवेरिएंट के कुछ मामले भारत में भी देखने को मिले हैं। सुधाकर ने विधान परिषद में कहा है कि देश को अगस्त में चौथी लहर (Covid 4th wave) का सामना करना पड़ सकता है। आईआईटी-कानपुर के वैज्ञानिकों द्वारा तैयार किए गए एक मैथमेटिकल मॉडल ने अगस्त में चौथी लहर की भविष्यवाणी की थी।
जीनोम सिक्वेंसिंग में 99.1% मामलों में बीए.2
उन्होंने कहा है कि पिछले महीने किए गए एक स्पेशल जीनोम सिक्वेंसिंग अभियान से पता चला कि 89.6 प्रतिशत सैंपल में ओमीक्रोन था जबकि 10 प्रतिशत डेल्टा और अन्य वेरिएंट थे। ओमीक्रोन के सैंपल में भी 99.1 प्रतिशत बीए.2 सबवेरिएंट था।
अलर्ट रहने की जरूरत
उन्होंने बताया कि ओमीक्रोन का सबवेरिएंट बीए.2 सबसे पहले फिलीपींस में पाया गया और अब यह 40 विभिन्न देशों में फैल गया है। इसलिए हमें हाई अलर्ट पर रहने की जरूरत है।
आईआईटी-कानपुर ने दी थी चौथी लहर की चेतावनी
आईआईटी (IIT)-कानपुर ने हाल ही में गए गणितीय मॉडल और अध्ययन के आधार पर भारत में चौथी लहर की भविष्यवाणी की थी। उसी को याद करते हुए सुधाकर ने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार भारत में चौथी लहर अगस्त में चरम पर होने की संभावना है। लेकिन हमें घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि हमने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाया है।
बीए.2 वेरिएंट के इन लक्षणों पर रखें नजर
कई अध्ययनों के अनुसार ओमीक्रोन सबवेरिएंट बीए.2 के दो विशिष्ट लक्षण चक्कर आना और थकान हैं। मरीजों को यह लक्षण इन्फेक्टेड होने के बाद तीन दिनों तक रहे सकते हैं। दूसरा यह वेरिएंट आंतों को ज्यादा प्रभावित करता है इसलिए मरीजों में मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, हीटबर्न और सूजन जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं। अगर बात करें इसके सामान्य लक्षणों की तो इनमें शामिल हैं-
बुखार
खांसी
गले में खराश
सर का घाव
मांसपेशियों की थकान
हृदय गति बढ़ना