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जानिए ओमिक्रोन के लक्षण किस तरह अलग है

कोरोना का नया वेरिएंट अब पूरी दुनिया में अपने पैर पसारता जा रहा है। हाल ही में भारत में कोरोना के ओमिक्रोन वेरिएंट के कुल 73 मामले हो गए हैं। इससे पहले कोरोना के 12 मामले नए आने के बाद यह आंकड़ा 73 पर पहुंचा था। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की माने तो अब तक यह वेरिएंट करीब 77 देशों में फैल चुका है। वहीं विशेषज्ञों का तो यह तक कहना है कि यह ज्यादातर देशों में फैल चुका है भले ही इसके मामले अब तक पकड़ में नहीं आए हैं।

ऐसे में इस नए वेरिएंट से निपटने के लिए डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने इससे जुड़े कई लक्षणों की सूची तैयार की है। इस सूची के जरिए आप आसानी से कोरोना के नए लक्षणों को समझ सकते हैं और इससे बचने और निपटने के लिए जरूरी कदम उठा सकते हैं।

​नए वेरिएंट में यह लक्षण नहीं

हम सभी जानते हैं कि कोरोना के कुछ गिने चुने लक्षण देखे जाते थे। लेकिन अब ओमिक्रोन वेरिएंट में उस तरीके के लक्षण देखने को कम ही मिल रहे हैं। आपको बता दें इससे पहले साउथ अफ्रीकन मेडिकल एसोसिएशन की चेयरपर्सन डॉक्टर एंजेलिक कोएट्जी ने इस बात को साफ किया है कि हाल ही में आए ओमिक्रोन के किसी भी मामले गंध या टेस्ट ना आने जैसे लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। यही नहीं इन मरीजों में ना तो बंद नाक, जुकाम और अधिक तापमान जैसे लक्षण देखने को मिले हैं।

यूके के ZOE कोविड अध्ययन ऐप के मुख्य प्रोफेसर टिम स्पेक्टर ने भी इस बात का खुलासा किया है कि बुखार, खांसी और स्मेल ना आने जैसे लक्षण अब लोगों में कम ही दिखाई दे रहे हैं जो कि कोरोना के पहले मुख्य लक्षण हुआ करते थे। उनका कहना है कि अब मरीजों में इस तरह के लक्षण बेहद कम हो गए हैं।

​ओमिक्रोन के लक्षण

ओमिक्रोन वायरस के हल्के लक्षणों को सर्दी या कॉमन कोल्ड से जोड़ कर देखा गया है। ऐसे में अगर आपको सिर दर्द, गले में खराश, नाक बहना, थकान और बार – बार छींक आती है तो इसे सामान्य सर्दी या फ्लू ना समझने की गुजारिश की गई है। इस पर प्रोफेसर स्पेक्टर इन लक्षणों से पीड़ित सभी लोगों को तुरंत कोरोना टेस्ट करवाने की सलाह दे रहे हैं।

डॉक्टर ने इंग्लैंड में तेजी से बढ़ते कोरोना के मामलों का हवाला देते हुए कहा कि, यह मामले तेजी से दोगुने होते जा रहे हैं। उनका कहना है कि हर ढाई दिन में कहीं ना कहीं मामलों की संख्या बढ़ रही हैं। यानी मतलब साफ है कि इस वेरिएंट के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं डॉक्टर का कहना यह भी है कि सर्दियों के दौरान कोरोना होने का खतरा भी अधिक हो जाता है।

​सर्दी-जुखाम से कहीं बढ़कर हैं इसके लक्षण

ऐसे में अगर बात भारत की करें तो विशेषज्ञों का कहना है कि तापमान के गिरते स्तर के साथ लोगों में सर्दी के मामले अधिक देखने को मिल रहे हैं। ऐसे में डॉक्टर लोगों को आगाह कर रहे हैं कि जो लोगों को एक साधारण समस्या की तरह दिख रही है। वह इससे ज्यादा भी कुछ हो सकती है।

​अगर सर्दी हो जाए तो क्‍या करें

अगर आपको पता करना है कि आपको सामान्य फ्लू हैं या कोविड है तो इसें जांचने का सबसे सही तरीका आरटी-पीसीआर टेस्ट ही है। इसके अलावा प्रोफेसर स्पेक्टर उन लोगों को भी परीक्षण की सलाह दे रहे हैं, जो लोग सर्दी आदि से पीड़ित है। वह बताते हैं कि यही तरीका है जिसके जरिए कोविड के प्रसार को रोका जा सकता है। इसके अलावा वह कहते हैं कि जब तक बीमारी या समस्या का पता नहीं चलता तब तक घर में ही रहें। साथ ही खुद को क्वारंटाइन करें यह तरीका खुद को और दूसरों को सुरक्षित रख सकता है।

​खतरनाक भी हो सकता है ओमिक्रोन

ओमिक्रोन को भले ही उतना खतरनाक ना समझा जा रहा हो, लेकिन इसका मतलब यह कतई नहीं है कि आप अपनी सुरक्षा में किसी तरह की लापरवाही बरतने लगें। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट बताती है कि यह वेरिएंट बहुत ज्यादा तेजी से फैलता जा रहा है। WHO के प्रमुख टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस का कहना है कि सच तो यह है कि ओमिक्रोन शायद ज्यादातर देशों में है, भले ही अब तक इसका पता ना चला हो।

इसके अलावा उनका कहना है कि कोरोना का यह नया संस्करण ओमिक्रोन बाकी वेरिएंट के मुकाबले में कहीं ज्यादा तेजी से फैल रहा है। यह इतनी तेजी से फैल रहा है जितनी रफ्तार हमने किसी दूसरे संस्करण की देखी ही नहीं है।

साथ ही उन्होंने बताया कि अब तक ओमिक्रोन के मामलो में भले ज्यादा गंभीरता ना दिखाई दी हो। लेकिन यूके के अंदर बीते सोमवार को ओमिक्रोन वायरस की वजह से पहली मौत सामने आई थी। जिसके बाद इस वेरिएंट को हल्के में आंकना एक बड़ी भूल हो सकती है।

​वैक्सीनेशन है अहम

हाल ही में एक इंटरव्यू में दक्षिण अफ्रीका के डॉक्टर एंजेलिक कोएट्जी ने कहा कि जिन लोगों का वैक्सीनेशन नहीं हुआ है उनमें इसके लक्षण दिखने की संभावना अधिक है। बजाय उनके जिनका वैक्सीनेशन हो चुका है।

इसके अलावा तो एक बात हम सभी जानते हैं कि भले ही कोविड वैक्सीन के जरिए हम इस वायरस से पूरी तरह नहीं बच सकते। लेकिन यह भविष्य में होने वाली गंभीरता से हमें बचाकर रख सकता है। इसके अलावा भले ही नया ओमिक्रोन वेरिएंट वैक्सीनेशन के जरिए प्राप्त इम्यूनिटी को मात दे सकता हो। लेकिन फिर भी सुरक्षित रहने का एकमात्र विकल्प केवल वैक्सीनेशन ही है।

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