लाइफस्टाइल

WHO ने बताये नए ओमिक्रोण के सिम्पटम्स

जो लोग अभी भी ओमिक्रॉन को हल्के में ले रहे हैं, उन्हें याद दिला दें कि कोरोना का ये नया वैरिएंट पूरी दुनिया में बहुत तेजी से फैल रहा है। WHO के अनुसार, इस वैरिएंट को लगभग 77 देशों में देखा जा चुका है और भारत में अब तक 87 नए मामले दर्ज किए जा चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि किसी भी पिछले स्ट्रेन के मुकाबले यह बहुत तेजी से फैल रहा है, इसलिए हमें पहले से ज्यादा सर्तक रहने की जरूरत है। हालांकि, ओमिक्रॉन के व्यवहार को समझने के लिए दुनियाभर के वैज्ञानिक एकसाथ मिलकर काम कर रहे हैं।

बता दें कि इस नए वैरिएंट को मौजूदा वैक्सीन के लिए ज्यादा प्रतिरोधक माना जा रहा है। इसलिए वैज्ञानिकों के लिए यह चिंता का विषय है। ब्रिटिश हेल्थ एकस्पर्ट व यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के रीजियस चेयर ऑफ मेडिसिन और यूके गर्वनमेंट के एडवायजर सर जॉन बेल ने कहा कि 'शुरूआती आंकड़ों को देखें तो ओमिक्रॉन पिछले वायरस के मुकाबले थोड़ा अलग बिहेव कर रहा है। अब तक सामने आए परिणामों से पता चलता है कि यह नया स्ट्रेन वायरस के शुरूआती रूपों की तुलना में कम गंभीर कोविड-19 लक्षणों का कारण बनता है'। हाल ही में आई खबर के अनुसार, वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन के एक लक्षण की पहचान कर ली है। यह लक्षण काफी हद तक कोरोना के पिछले स्ट्रेन से मिलता-जुलता है। वैज्ञानिकों ने लोगों को सलाह दी है कि अगर किसी व्यक्ति में यह लक्षण दिखाई दे, तो तुरंत जांच करा लें।
​ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों में गले में खराश मुख्य लक्षण

दक्षिण अफ्रीका स्थित डिस्कवरी हेल्थ के मुख्य कार्यकारी ने हाल ही में एक ब्रीफिंग में कहा है कि डाक्टरों ने पॉजिटिव पाए जाने वाले लोगों में लक्षणों का थोड़ा अलग सेट देखा है। पॉजिटिव आने वाले लोगों में सबसे शुरूआती लक्षण गले में खराश के रूप में देखा गया। सीईओ डॉ रयान नोच ने कहा कि इसके अलावा बंद नाक, सूखी खांसी और मांसपेशियों में ऐंठन भी पीठ के निचले हिस्से में दर्द भी ओमिक्रॉन के कुछ सामान्य लक्षण हैं।

​इन लक्षणों पर भी देना चाहिए ध्यान

डॉ रयान नोच ने कहा कि इनमें से अधिकतर लक्षण हल्के ही होते हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि ओमिक्रॉम कम जहरीला है। ब्रिटिश हेल्थ एक्सपर्ट सर जॉन बेल ने बीबीसी रेडियो 4 के टुडे कार्यक्रम में कहा कि भरी हुई नाक, गले में खराश, मायलगिया और ढीला मल ऐसे लक्षण हैं, जिन पर समय रहते ध्यान देना चाहिए।

सर जॉन बेल ले आगे कहा कि यह रोग ज्यादा संक्रामक है। डेल्टा वैरिएंट तो संक्रामक था ही, लेकिन यह नया वैरिएंट इससे दो से तीन गुना ज्यादा संक्रामक है। सर जॉन के अनुसार, बीमारी की गंभीरता को अब तक निर्धारित नहीं किया गया है। अगले कुछ हफ्तों में पता चलेगा कि यूके में यह कितनी गंभीर है।

बता दें कि भारत में ओमिक्रॉन मामलों की संख्या गुरूवार को 87 तक पहुंच गई है। जिसमें कर्नाटक ने इस नए वैरिएंट के पांच नए मामले दर्ज किए है, जबकि दिल्ली और तेलांगना में चार मामले सामने आए हैं ऑर गुजरात में ओमिक्रॉन का मात्र एक मामला देखने को मिला है।
Navbharat Ti

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button