भोपालमध्य प्रदेश

MP के विवि में धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष, वेद और कर्मकांड से जुड़े 15 कोर्स, भोपाल में गीता को लेकर भी काेर्सेस शुरू

भोपाल
प्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों में धर्म, अध्यात्म, ज्योतिष, वेद और पूजा पद्धति से जुड़े करीब 15 धार्मिक कोर्सेस का संचालन किया जा रहा है। इनमें हस्तरेखा विज्ञान, प्रश्न ज्योतिष, कुंडली ज्योतिष, रत्न ज्योतिष जैसे सर्टिफिकेट कोर्स खास हैं। वहीं ‘रामचरित मानस से सामाजिक विकास’ का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया है। गीता को लेकर भी काेर्सेस शुरू किए गए हैं।

मकसद सिर्फ एक है कि छात्र अपनी संस्कृति, वेद-पुराण समेत अन्य धार्मिक परंपराओं को नजदीक से समझ सकें। इन कोर्से में छात्रों की भी इनमें रुचि बढ़ रही है और वे भी ऐसे पाठ्यक्रमों में एडमिशन ले रहे हैं। इस तरह के कोर्सेस उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में तो पढ़ाए ही जा रहे हैं, इसके साथ ही राजधानी के हिंदी विवि और भोज विवि में भी इनका संचालन हो रहा है।

जिन भी धार्मिक या ज्योतिष से जुड़े कोर्सेस का शुरू किया गया है, उनमें यह ध्यान रखा गया है कि छात्रों को उनके तर्कों का उत्तर मिल सके। साथ ही इनमें रसायन शास्त्र, प्राणी शास्त्र और पर्यावरण विज्ञान का भी महत्व बताया गया है। इसके अलावा व्यक्तित्व और सामाजिक विकास भी इसमें जोड़े जा रहे हैं।

हिंदी विवि में रामचरित मानस
हिंदी विवि में भी रामचरित मानस को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। इसमें जीवन से जुड़े कई पहलू और व्यक्तित्व विकास को बढ़ाने वाले संदर्भ शामिल किए गए हैं। लाइफ मैनेजमेंट काे भी इसमें बताया गया है।

मूर्ति शास्त्र और देवताओं का परिचय
उज्जैन के महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विवि, में देवालय वास्तु, मूर्ति शास्त्र, देवता परिचय जैसे शिव परिवार, विष्णु परिवार के संबंध में भी छात्रों को शिक्षा दी जाती है। इसी के साथ विविध आरती, अर्चन पद्धति, प्रसाद निर्माण व वितरण भी शामिल हैं।

भोज विवि- अयोध्या में तैयार हुआ काेर्स मटेरियल, 100 से ज्यादा एडमिशन
भोज विवि ने भी इस साल से रामचरित मानस से सामाजिक विकास का सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। विवि के कुलपति डॉ. जयंत सोनवलकर ने बताया कि इसमें करीब 100 छात्र एडमिशन ले चुके हैं। इस कोर्स में अब तक डॉक्टर, इंजीनियर समेत कई रिटायर्ड जज भी एडमिशन ले चुके हैं। इसके लिए कोर्स मटेरियल अयोध्या की रामायण समिति के सहयोग से तैयार किया गया है।

और इधर, गीता में प्रबंध विज्ञान पर आधारित कोर्स
भोज विवि अब “गीता में प्रबंध विज्ञान” पर आधारित कोर्स भी शुरू करने जा रहा है। इस कोर्स को शुरू करने के पीछे विवि का तर्क है कि गीता में जीवन प्रबंधन के साथ ही ऐसे तमाम पक्षों को शामिल किया गया है जो व्यक्ति के रोजमर्रा के जीवन से जुड़े हुए हैं। एक धारणा यह है कि धार्मिक ग्रंथ होने की वजह से इसे केवल धर्म से ही जोड़कर देखा जाता है, जबकि इसमें जो प्रबंधन बताया गया है वह जीवन के लिए बहुत उपयोगी है।

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