भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल-इंदौर मेट्रो के लिए 492 करोड़ खर्च जबकी प्रोजेक्ट में दो प्रतिशत ही काम हुआ

भोपाल
विधानसभा के शीतकालीन सत्र में भोपाल-इंदौर मेट्र्रो प्रोजेक्ट के साथ पीडब्ल्यूडी के मामलों के सवाल आए। जवाब में बताया गया है कि मेट्रो के अब तक हुए 2 फीसदी वर्क पर 492 करोड़ रुपए का खर्च किया जा चुका है। वहीं सड़क, पुल और भवन निर्माण में 2474 करोड़ का भुगतान होगा।

भोपाल और इंदौर में मेट्रो रेल प्रोजेक्ट दो प्रतिशत ही काम हुआ और उसमें 492 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। इस संबंध में आज विधानसभा में आए सवाल के लिखित उत्तर में बताया गया है कि यह कार्य समयावधि में पूरा किया जाने का लक्ष्य रखा गया है।

राऊ विधायक जीतू पटवारी के प्रश्न के लिखित उत्तर में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने लिखित उत्तर में बताया कि भोपाल मेट्रो रेल परियोजना का 2.03 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, वहीं इंदौर मेट्रो रेल प्रोजेक्ट का काम 1.02 प्रतिशत पूरा हो गया है। नवंबर 2021 की स्थिति में कार्य प्रगति पर है और कार्य समयावधि में पूर्ण किये जाने का लक्ष्य है। उत्तर में बताया गया कि भोपाल मेट्रो रेल प्रोजेक्ट  में 30 नवंबर 2021 तक 330.42 करोड़ रुपए और इंदौर मेट्रो परियोजना में 161.96 रुपए कुल 492. 38 करोड़ रुपए की राशि व्यय की जा चुकी है।

इस प्रश्न के उत्तर में बताया गया कि इंदौर शहर के पास से दो एक्टिव भूगर्भीय फाल्ट गुजर रहे हैं। इंदौर में मेट्रो पियर की बुनियाद के लिए राक का स्तर सामान्यत .06 से 18 मीटर नीचे भूगर्भीय सर्वेक्षण के आधार पर किया गया है।

राज्य विद्युत मंडल में अन्य संवर्ग से लेखा संवर्ग में नियुक्ति, पद परिवर्तन के लिए दो बार आयोजित चयन प्रक्रिया में असफल रहे अफसर मंजीत सिंह को राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी का एमडी बनाया है। कांग्रेस विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति के सवाल के लिखित जवाब में उर्जा मंत्री प्रद्धुम्न सिंह तोमर ने यह जानकारी दी। मंत्री ने बताया कि तत्कालीन मध्यप्रदेश विद्युत मंडल के उस समय प्रभावी आदेश 15 मार्च 1980 में यह प्रावधान थे कि आईसीडब्ल्यूए डिग्री प्राप्त कार्मिक को उसके वर्तमान पद से लेखाधिकारी पद पर पदस्थ किए जाने पर विचार किया जाएगा।

आईसीडब्ल्यू एआई की डिग्री, दस वर्ष के तकनीकी अनुभव एवं कार्यपालन अभियंता वरिष्ठ लेखाधिकारी के समकक्ष का वेतनमान प्राप्त करने के बाद तत्कालीन मध्यप्रदेश विद्युत मंउल बोर्ड द्वारा लेखा संकाय की आवश्यकता के अनुरूप उनकी लेखा विषयक शैक्षणिक योग्यता पर मंजीत सिंह की नियुक्ति की गई।

मंत्री ने बताया कि विद्युत मंडली के गठन से आज तक ऐसा प्रकरण न होंने के संबंध में पावर मैनेजमेंट कंपनी अथवा पावर जनरेटिंग कंपनी में कोई जानकारी उपलबध नहीं है। इनको हटाने या जांच कराने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
Skvelé tipy a triky pre každodenný život, jedinečné recepty a užitočné články o záhrade. Získajte užitočné rady a nápady na zlepšenie vášho každodenného života a objavte nové spôsoby, ako využiť plody svojej záhrady. Navštívte náš web a nechajte sa inšpirovať! Vplyv mačiek na našu Získajte užitočné tipy, triky a recepty na našom webe o lifestyle, kuchyni a záhradkárčení. Prečítajte si naše články a objavte nové spôsoby, ako urobiť váš každodenný život jednoduchším a zdravším. Buďte inšpirovaní a naučte sa, ako dosiahnuť vyvážený a plnohodnotný životný štýl.