जबलपुरमध्य प्रदेश

32 जिलों में 7275 रुपए क्विंटल बिकेगा मूंग, सरकार ने जारी किये आदेश

नर्मदापुरम
मध्यप्रदेश के 32 जिलों समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी 8 अगस्त से शुरू हो रही है, सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं, सरकार किसानों से मूंग 7275 रुपए प्रति क्विंटल के मान से खरीदेगी, आईये जानते हैं प्रदेश के किन जिलों में खरीदी शुरू होने जा रही है।

जिले में गर्मी की तीसरी फसल मूंग की खरीदी 8 अगस्त से 30 सितंबर तक की जाएगी। कुल 66 हजार 444 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपनी उपज को बेचने के लिए पंजीयन कराए हैं। शनिवार को प्रशासन ने केंद्रों का निर्धारण कर कुल 72 केंद्र बनाए हैं। इन केंद्रों पर सत्यापित किसानों से नजदीकी गांवों के मूंग की सरकारी खरीदी की जाएगी।

बता दें कि नर्मदापुरम सहित प्रदेश के 32 जिलों में मूंग एवं 10 जिलों में उड़द की भी खरीदी होगी। मूंग खरीदी एवं भंडारण स्थल के लिए जिले की सातों तहसीलों के एसडीएम की अध्यक्षता वाली खंड स्तरीय समिति के प्रस्तावों के आधार पर जिला समिति के अनुमोदन के बाद फाइनल किया गया है।

4 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन
जिले में इस बार के गर्मी के सीजन में करीब 1 लाख 88 हजार 67 हैक्टेयर में करीब 4 लाख मीट्रिक टन मूंग का उत्पादन हुआ है। जो कि पिछली बार से ज्यादा है। शासन-प्रशासन स्तर से अभी यह स्पष्ट नहीं है कि किसानों से कितनी मात्रा में मूंग की खरीदी की जाएगी।

इन जिलों में होगी मूंग की खरीदी
मूंग की खरीदी बालाघाट, नर्मदापुरम, नरसिंहपुर, रायसेन, हरदा, सीहोर, जबलपुर, देवास, सागर, गुना, खण्डवा, खरगोन, कटनी, दमोह, विदिशा, बड़वानी, मुरैना, बैतूल, श्योपुरकला, भिण्ड, भोपाल, सिवनी, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, छतरपुर, उमरिया, धार, राजगढ़, मण्डला, शिवपुरी और अशोकनगर में होगी।उड़द की खरीदी जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह, छिंदवाड़ा, पन्ना, मण्डला, उमरिया और सिवनी सहित 10 जिलों में की जायेगी।

किसकी क्या रहेगी जिम्मेदारी
तय केंद्रों पर कर्मचारियों, डाटा एंट्री ऑपरेटर, तुलाई एवं खरीदी की व्यवस्था सहकारिता उपायुक्त एवं जिला सहकारी बैंक सीईओ को सौंपी है। नोडल एजेंसी राज्य सहकारी विपणन संघ मार्कफेड को बनाया है। बारदाना, सर्वेयर, बैनर की जिम्मेदारी रहेगी। समितियां एफएक्यू मूंग की खरीदी कराएगी। वेयर हाउस से संबंधित व्यवस्थाएं मप्र वेयर हाउसिंग एवं लॉजिस्टिक कॉपोरेशन के जिला प्रबंधक संभालेंगे। एसडीएम की अध्यक्षता में बनी समिति केंद्रों का सघन निरीक्षण कर खरीदी की मॉनीटरिंग व किसानों की समस्याओं का निराकरण करेगी। खरीदी केंद्र की ऑनलाइन स्थापना, ग्रामों में मेपिंग कृषि उपसंचालक पूरी कराकर केंद्र नियत तिथि में शुरू कराएंगे।

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