भोपालमध्य प्रदेश

PDS के राशन वितरण की व्यवस्था में बदलाव, आंखों की पुतलियों से मिलेगा राशन

 भोपाल
मध्यप्रदेश में वर्तमान में एक करोड़ पंद्रह लाख परिवारों के लगभग पांच करोड़ सदस्यों को राज्य सरकार सार्वजकि वितरण प्रणाली के जरिए  एक रुपए किलो में प्रति सदस्य पांच किलो गेहूं, चावल और एक किलो नमक दे रही है। अत्योदय परिवारों को पैतीस किलो अनाज और नमक के साथ एक किलो शक्कर भी प्रति परिवार दी जा रही है।

गरीबों को सस्ता राशन देने के लिए राशन की दुकानों पर अभी सस्ता राशन वितरण करने के लिए पीओएस मशीन पर परिवार के मुखिया के रुप में पंजीकृत व्यक्ति या उनके द्वारा नामांकित किए गए परिवार के अन्य सदस्य के अंगूठे के निशान लिए जाने के बाद अंगूठे के निशान से पहचान प्रमाणित होंने पर राशन दिया जााता है। लेकिन मजदूरी करने वाले लाखों लोग ऐसे है जिनके हाथ के अंगूठे के निशान घिस गए है या उनमें बार-बार बदलाव होंने से उनकी पहचान प्रमाणित नहीं हो पाती है।

ऐसे में खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने परिवार के मुखिया के नाम पर पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी के जरिए इनकों राशन देने की व्यवस्था की है। लेकिन इसमें दिक्कत आती है और समय भी लगता है। इसको देखते हुए अब खाद्य विभाग राशन वितरण की व्यवस्था में बदलाव करने जा रहा है। अब पीओएस मशीन पर अगूठे के शिान के बायोमेट्रिक के मैच नहीं होेंने पर राशनकार्ड धारक को खाली हाथ नहीं लौटना होगा।

यह होगी नई व्यवस्था
 पीओएस मशीन पर अंगूठे के निशान के अलावा अब आंखों की पुतलियों के बायोमेट्रिक से भी राशनकार्डधारक की पहचान प्रमाणित होगी। इसके लिए खाद्य विभाग जल्द ही टेंडर जारी करेगा। सभी पीओएस मशीनों के साथ ही आंखों की पुतलियों से पहचान सुनिश्चित की जाएगी। इस व्यवस्था के शुरु होंने के बाद किसी को बिना राशन के नहीं लौटना होगा।

इनका कहना
अंगूठे के बॉयोमेट्रिक पहचान न होने के  कारण राशन वितरण में होंने वाली दिक्कत से अब जल्द ही निजात मिल सकेगी। इसके लिए आंखों की पुतलियों से भी पहचान करने की व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए जल्द ही टेंडर किए जाएंगे। पूरे प्रदेश में यह व्यवस्था लागू होगी।
फैज अहमद किदवई, प्रमुख सचिव खाद्य

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